उत्तराखंड

ऊर्जा विभाग में estimate का बड़ा खेल, MD ने estimate भेजने से पहले हर चरण में photography की अनिवार्य, डिविज़न से आने वाले estimates की आधे से भी कम हुई संख्या

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड में इस्टीमेट और कार्यों का भुगतान अब आंख बंद करके नहीं किया जाएगा। यूपीसीएल में कार्यों के लिए निचले स्तर पर एक्सईएन से लेकर चीफ इंजीनियर तक की पावर को बढ़ाया गया है, साथ ही मॉनिटरिंग भी और सख्त कर दी गई है। अब UPCL में होने वाले हर काम के प्रत्येक चरण की फोटोग्राफी करानी अनिवार्य कर दी गई है। वहीं काम होने के बाद ही अब भुगतान किया जाएगा। इस सख्ती के बाद डिवीजनों से यूपीसीएल मुख्यालय पहुंचने वाले इस्टीमेटों में 70 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। जिससे ऊर्जा निगम के खर्चों में भी कमी आएगी।

यूपीसीएल मुख्यालय में डिवीजनों से खराब ट्रांसफार्मर बदलने, बिजली लाइन के विस्तार और खराबी के नाम पर बड़ी संख्या में इस्टीमेट आते थे। पूर्व में कार्यों की पड़ताल किए बिना है भुगतान भी कर दिया जाता था। अब इस प्रक्रिया को बदला गया है। इस संबंध में एमडी नीरज खैरवाल ने बताया कि इसके लिए एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई है। इसके तहत जो भी इस्टीमेट पास होंगे, उनका काम शुरू होने से पहले, बीच में और काम पूरा होने के बाद फोटो लिया जाएगा। इससे फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं रहेगी। पहले हर महीने करीब 100 इस्टीमेट आते थे। इस आदेश के बाद 30 प्रतिशत तक ही प्रस्ताव मुख्यालय आ रहे हैं।

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