मिशन मोड़ में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने किया काम, लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग बनने का रास्ता हुआ साफ
लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग बनने का रास्ता साफ होने के साथ ही वन मंत्री हरक सिंह रावत को भी लगातार बधाई मिल रही है। जिन्होंने इस मोटर मार्ग की अनुमति को एक मिशन के तौर पर लिया और इसको सफलता के अंजाम तक भी पहुँचाया। देखा जाए तो वन मंत्री हरक सिंह रावत की तरह अगर हर नेता विकास कार्यों को एक मिशन के तौर पर लेकर काम करे तो योजनाएं केवल फ़ाइलो में नहीं बल्कि हक़ीक़त में भी नज़र आने लगेगी। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग को दी गई स्वीकृति इसी का नतीजा है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 63 वी बैठक में उत्तराखंड के लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग को स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसके बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस वन मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण से स्थानीय लोगों को लाभ मिलने की बात कही। साथ ही एलिवेटेड एनिमल पैसेज के निर्माण से वन्यजीव विचरण भी सुगम होगा। दिल्ली में आयोजित इस बैठक में उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने वर्चुअल प्रतिभाग कर बोर्ड को अवगत कराया की लालढांग- चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग 1980 के पूर्व से निर्मित है जिसका वर्तमान में सुदृढ़ीकरण करने की आवश्यकता है व चमारिया स्रोत व सिगड्डी स्रोत के बीच बनने वाले एलिवेटेड एनिमल पैसेज की लम्बाई 470 मीटर तथा उंचाई 6 मीटर रखी जाए। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि हरिद्वार से देहरादून के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूर्व में निर्मित एलिवेटेड एनिमल पैसेज की उंचाई भी 6 मीटर है । बोर्ड द्वारा इस वन मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण करने की स्वीकृति प्रदान की गई है ।