उत्तराखंड

कोरोना महामारी में अनाथ हो चुके 100 बच्चों को मिलेगी नि:शुल्क उच्च शिक्षा, सीआईएमएस & यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज ने की पहल

देहरादून- कोरोना महामारी में हजारों बच्चों के सर से माता पिता का साया उठ गया है। देश के साथ प्रदेश में भी ऐसे कई बच्चे हैं जिनके माता पिता और रिश्तेदारों की मौत हुई है। ऐसे में उनके सामने आजीविका से लेकर शिक्षा जारी रखने का गंभीर संकट पैदा हो गया है। खासतौर से उच्च शिक्षा की मोटी फीस जुटाना इन बच्चों के लिए मुनासिब नहीं हो रहा है। ऐसे ही बच्चों की मदद के लिए देहरादून स्थित CIMS और UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज ने पहल की है। इस ग्रुप ने कोरोना त्रासदी में अनाथ हो चुके बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा देने की घोषणा की है।

देहरादून में स्थित सीआईएमएस & यूआईएचएमटी ग्रुप ने कोरोना में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देने की घोषणा की है। ग्रुप के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने बताया कि कोरोना त्रासदी से लड़ने के लिए एक नागरिक के तौर पर उन्हें अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का एहसास है। इसलिए कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को वह अपने कॉलेज में विभिन्न कोर्सेस में नि:शुल्क प्रवेश के साथ साथ उनकी पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे। संस्थान ऐसे 100 अनाथ बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करेगा, जो कोरोना के कारण अनाथ हुए हैं। एडवोकेट ललित जोशी ने बताया कि उनका समूह पहले भी ऐसा करता आ रहा है। संस्थान में गत 8 वर्षों से प्रतिवर्ष 30 से अधिक गरीब व अनाथ बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है। सीआईएमएस विगत 20 वर्षों से प्रदेश मेडिकल और पैरा मेडिकल के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है, जबकि यूआईएचएमटी होलट मैनेजमेंट के क्षेत्र में लगभग 8 साल से उच्च शिक्षा प्रदान कराता है।

UIHMT और CIMS प्रदेश के युवाओं के लिए बेहतर और किफायती ऑप्शन साबित होता है। खासकर उन बच्चों के लिए जो हाई रैंक कॉलेजों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं। या जो मोटी फीस के कारण ऐसे कॉलेजों में पढ़ाई नहीं कर पाते। ऐसे बच्चों को यह ग्रुप किफायती और गुनवत्तापरख शिक्षा उपलब्ध करवाकर उन्हें रोजगार के अवसर भी देता है।

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