Tuesday, May 21, 2024
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उत्तराखंड

07 हाईप्रोफाइल सीटों पर निर्वाचन आयोग की नज़र, 2017 के मुकाबले ज्यादा धनबल के प्रयोग की आशंका

उत्तराखंड प्रदेश की 07 हाईप्रोफाइल विधानसभा सीटों पर चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी पैसे का खेल कर सकते हैं। जिसकी आशंका को देखते हुए चुनाव आयोग ने इन सातों सीटों को अपने रडार पर ले लिया है। निर्वाचन आयोग के रडार पर आने का मुख्य कारण है कि 2017 के मुकाबले इस चुनाव में अब तक दोगुनी रकम और शराब पकड़ में आ चुकी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का कहना है कि आयोग ने अपने सर्वे के बाद प्रदेश की 70 में से 07 विधानसभा सीटों को धनबल के इस्तेमाल की प्रबल संभावना मानते हुए चिन्ह्ति किया है। उन्होंने बताया कि इनमें कुमाऊं की सितारगंज, काशीपुर, बाजपुर, हल्द्वानी और लालकुआं सीट शामिल हैं। जबकि गढ़वाल मंडल की चकराता व हरिद्वार सीट शामिल हैं।

प्रत्याशियों के नजरिए से देखें तो सितारगंज में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा का बेटा सौरभ बहुगुणा, बाजपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, लालकुआं में पूर्व सीएम हरीश रावत, चकराता में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, हरिद्वार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, हल्द्वानी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश और काशीपुर में हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा चुनाव मैदान में हैं। मोटे तौर पर यह सीटें हाई प्रोफाइल होने के साथ ही यहां धनबल की आशंका है। चुनाव आयोग ने यहां टीमें सक्रिय की हुई हैं। विधानसभा चुनाव में किस कदर पैसे और शराब से वोटरों को लुभाने की कोशिश की जा रही है, इसकी कहानी चुनाव आयोग की अब तक हुई कार्रवाई बयां कर रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि 2017 में छह करोड़ 85 रुपये कीमत की शराब व कैश पकड़े थे। 2019 में सात करोड़ 31 लाख रुपये पकड़े गए थे। इस बार अब तक 12 करोड़ 27 लाख रुपये कीमत की शराब व कैश बरामद किया जा चुका है। इनमें साढ़े तीन करोड़ कैश, तीन करोड़ दस लाख रुपये कीमत की शराब, चार करोड़ 70 लाख रुपये कीमत की ड्रग्स और करीब 24 लाख कीमत के गहने शामिल हैं। अभी मतदान होने में समय है, जिससे यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

साभार: अमर उजाला

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