आप प्रत्याशी रविंद्र आनंद का भाजपा प्रत्याशी पर बड़ा आरोप, सविता कपूर के सोसायटी अध्यक्ष रहते हुआ करोड़ों का छात्रवृति घोटाला :आप*
*छात्रवृति घोटाले में करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर कपूर परिवार को कटघरे में किया खड़ा ,छात्रों के हक के पैसे,सविता कपूर के अध्यक्ष रहते कॉलेज के लोन अकाउंट में डाला:रविंद्र आनंद,आप प्रत्याशी*
*दस्तावेजों के साथ रविंद्र आनंद ने की प्रेस वार्ता, कहा सविता कपूर ने अध्यक्ष रहते कई छात्रों के करोड़ों रुपए में किया हेरा फेरी:आप*
आज आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और कैंट से प्रत्याशी रविंद्र आनंद ने प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर कैंट सीट से बीजेपी प्रत्याशी सविता कपूर पर बी हाइव सोसाइटी के अध्यक्ष रहते हुए करोड़ों रुपए के छात्रवृति घोटाले में शामिल होने की बात कही। उन्होंने कहा प्रदेश में करोड़ों रुपए के छात्रवृति घोटाले की एसआईटी जांच चल रही कई पर एसआईटी अपना शिकंजा भी कस चुकी है जिसमें सविता कपूर के बेटे अमित कपूर भी दोषी पाए गए हैं। उन्होंने सभी दस्तावेज मीडिया के सामने रखते हुए कहा,बीजेपी अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा ,स्वास्थ्य पहुंचाने का जुमला कहती है और दूसरी तरफ इनके प्रत्याशी पिछले कई सालों से अपनी सोसायटी के जरिए गरीब,दलित छात्रों के छात्रवृति का पैसा डकार रहे हैं। गरीबों के हक पर डाका मारा जा रहा है। उन्होंने कहा,45 से ज्यादा छात्रों को 2012 से 2017 तक मिलने वाली छात्रवृति 5 करोड़ से ऊपर समाज कल्याण से जारी हुई लेकिन वो पैसा छात्रों तक पहुंचाने के बजाय सविता कपूर के अध्यक्ष रहते हुए ये पैसा इनके तीन कॉलेज के लोन अकाउंट में ट्रांसफर किया गया। इसके अलावा फर्जी वाडा करते हुए 19 ऐसे छात्रों के दस्तावेजों का गलत प्रयोग किया गया जिनका तीनों कॉलेजों में एडमिशन कर उनके नाम पर छात्रवृति का पैसा लिया।
इस घोटाले में अमित कपूर की भूमिका को देखते हुए उनकी भी जांच हुई जिसमें एसआईटी ने अपनी विवेचना में उनके उपर लगे आरोपों सही पाए गए, इस सोसायटी के अंतर्गत तीन कॉलेज हैं जहां 2012 से 2017 तक समाज कल्याण से 5 करोड़ 12 लाख 30 हजार 360 रुपए बतौर छात्रवृति आया । जो धनराशि 45 एससी एसटी छात्रों के अकाउंट में जानी थी वो बीहाइव सोसायटी के अंतर्गत तीन कॉलेजों के लोन अकाउंट में भेजी गई।
जिन छात्रों को छात्रवृत्ति का पैसा मिलना था उनको उनका हक मारकर वो पैसा अपने लिए प्रयोग किया गया।
19 ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका अलग अलग संस्थानों में दाखिला दिखा कर उनके दस्तावेजों का दूर प्रयोग किया।
इस दौरान कैंट सीट से बीजेपी की प्रत्याशी सविता कपूर इस सोसायटी की प्रेसिडेंट रही। ये सवाल उठता है क्या इनके संज्ञान के बिना इतना बड़ा घोटाला कैसे हो सकता।
अगर इनके संज्ञान में नहीं था तो अचानक 1 दिसंबर 2020 को इन्होंने इस्तीफा क्यों दिया।
*इस पूरे घोटाले में सविता कपूर भी इतनी ही दोषी है जितना उनका बेटा। ऐसे लोग जनता के हक के पैसों को खा कर जनप्रतिनिधि बनने की कोशिश करते है। आज इनका सच सबके सामने आ गया है। ये पूरी तरह से इस घोटालों में दोषी हैं।*