मानसून पूर्व बाढ़ नियंत्रण सुरक्षा विषय के संबंध में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तैयारी बैठक, सिंचाई विभाग उत्तराखंड तथा उत्तरप्रदेश , भारतीय मौसम विभाग,सेंटर वाटर कमीशन, बांध एवं बैराज से संबंधित अथॉरिटीज़ के अधिकारियों ने की बैठक
आगामी मानसून के दृष्टिगत एस ऐ मुरुगेशन, सचिव आपदा प्रबंधन एवं सिंचाई विभाग उत्तराखंड ने सभी डैम अथॉरिटीज़ एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों के बीच परस्पर समन्वय स्थापित करते हुए नदी के जल स्तर संबंधित इंफ्लो आउटफ्लो डाटा के लगातार साझा करने पर बल दिया। वर्चुअल बैठक के दौरान सचिव, आपदा प्रबंधन एवं सिंचाई विभाग ने कहा कि सभी डैम अथॉरिटीज़ के लिए नदी के किनारे अर्ली वार्निंग सेंसरस स्थापित करना आवश्यक है वर्तमान में टी एच डी सी द्वारा ऐसे स्थानों पर अर्ली वार्निंग सेंसरस पहले से ही स्थापित किये गए है जिससे नदी का प्रवाह बढ़ने कि स्थिति में पहले ही सेंसरस के माध्यम से खतरे की सूचना प्राप्त हो जाती है। सभी विभागों में अपसी सामंजसय बढ़ाने हेतु एवं कैसे रियल टाइम इनफार्मेशन संबंधित विभागों के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंचे इसी उद्देश्य से इस बैठक को आहूत किया गया। सचिव ने सेंटर वाटर कमीशन के पूर्वनुमान सूचना को साझा करने के बारे में विवरण लिया। साथ ही भारतीय मौसम विभाग से भी उत्तराखंड में आगामी मानसून एवं अतिवृष्टि संबंधित जानकारी ली। सेंटर वाटर कमीशन ने बताया कि नदी के डिस्चार्ज संबंधित डाटा साझा लगातार फ्लड फॉरेकास्टिंग वैबसाइट पर किया जाता है।उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने बताया की मनेरी और टॉन्स जैसे किनारों के जल स्तर की सूचना यदि सेंटर वाटर कमीशन द्वारा एक घंटे पहले ही प्रदान हो जाये तो इससे समय रहते नीचे के इलाकों में अलर्ट भेजा जा सकेगा।उन्होंने बताया की बरसात के दौरान 24घंटे ड्यूटी वॉच करते है। सिंचाई विभाग उत्तराखंड ने बताया कि डाउनस्ट्रीम मैकेनिज्म के साथ वह किस प्रकार से अलर्ट को थाना चौक़ी तक पहुंचाते है। टी एच डी सी ने भी प्रति घंटे के डाटा प्रदान करने पर जोर दिया। सचिव ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से बातचीत के दौरान उन्हें निर्देश दिए कि सभी विभागों को समन्वय के साथ रियल टाइम डाटा साझा करने कि आवश्यकता है जिसके लिए वह एक कोऑर्डिशन बैठक करें। और अति संवेदनशील स्थिति में अलर्ट जारी करते हुए एक घंटे के अंदर ही डाटा को सभी संबंधित विभागों एवं जिला प्रशासन तक पहुंचाने के मैकेनिज्म को विकसित करें।उन्होंने सभी विभागों से उनके सम्पर्क विवरण, विभाग से नोडल को नमित करना, रिसोर्स एवं उपकरण विवरण आदि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए । सेंटर वाटर कमीशन के अधिकारियों ने भी आश्वसत किया कि उनके द्वारा अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम डाटा 1घंटे के अंतराल का भी लगातार साझा किया जाएगा। इस वर्चुअल बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण,सिंचाई विभाग उत्तराखंड, CWC, IMD, NHPC, THDC, UJVN शारदा सहायक सिंचाई विभाग उत्तरप्रदेश, बांध एवं बैराज अथॉरिटीज़ आदि के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।