उत्तराखंड शासन के बड़े अधिकारी को हाईकोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस, 2012 के एक मामले में जाँच कर कार्यवाही के निर्देश पर लेटलतिफ़ी में जारी हुआ नोटिस
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका में पारित आदेश का अनुपालन नहीं करने पर प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा आनंद वर्धन को अवमानना नोटिस जारी किया है। साल 2012 में एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से 45 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी । जिसमें कई ऑडिट रिपोर्ट ने ग़बन का अंदेशा जताया था। जिसके बाद समाजसेवी सोनिया बेनीवाल द्वारा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाख़िल की गई। वहीं न्यायालय में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से दाख़िल शपथ पत्र में भी 45 लाख रुपए के इस्तेमाल में गड़बड़ियों की बात मानी गयी।
इसके बाद कोर्ट ने प्रबंधन कमेटी के तत्कालीन सचिव जितेंद्र सिंह नेगी और तत्कालीन प्राचार्या डॉ किरण सूद को सुनवाई का अवसर देने के बाद प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा, आनंद बर्धन से उचित निर्णय लेने को निर्देशित किया। साथ ही गड़बड़ियों की बात पुनः पुष्ट होने की स्थिति में उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के आदेश भी किए। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सचिव जितेंद्र सिंह नेगी ने उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दाखिल की, जो खारिज हो गई। उनकी पुनर्विचार याचिका भी उच्च न्यायालय में ख़ारिज हो गयी थी। कोर्ट ने 18 दिसम्बर तक प्रमुख सचिव को इस प्रकरण में उचित निर्णय लेकर कार्रवाई करने को निर्देशित किया , लेकिन उनके द्वारा विलंब किया जा रहा था। इस वजह समाजसेवी सोनिया बेनीवाल द्वारा अवमानना याचिका दाख़िल की गई। जिस पर प्रमुख सचिव को नोटिस जारी किया गया है। मामले की अगली सुनवाई अब छह सप्ताह बाद होगी।