कोरोना दवा के बाद अब ब्लैक फ़ंगस इंजेक्शन की कालाबाज़ारी, दून पुलिस ने बाप-बेटे समेत तीन किए गिरफ़्तार
ब्लैक फंगस की बीमारी में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे तीन जालसाज एसओजी और क्लेमनटाउन थाना पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। आरोपियों से पांच इजेक्शन बरामद कर उनके खिलाफ कालाबाजारी समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक बाप बेटा है। इंजेक्शन अहमदाबाद से लाए जाने की बात सामने आई है। इसकी जांच की जा रही है। एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जौलीग्रांट स्थित अस्पताल में भर्ती एक मरीज के करीबी ने फेसबुक पर ब्लैक फंगस में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की जरूरत की पोस्ट डाली। वह क्लेमनटाउन क्षेत्र के निवासी हैं। लाइपोजोमल एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन की जरूरत की पोस्ट देखकर तीन शातिरों ने गैंग बनाया और फेसबुक पर डाले गए फोन नंबर पर संपर्क किया।
इस दौरान एक इंजेक्शन की कीमत 8500 रुपये बताई। कहा कि दिल्ली से बोल रहा है। पांच इंजेक्शन 51 हजार रुपये में देने की बात कही। पीड़ित परिवार ने बात की तो बाद में पांचों इंजेक्शन के 85 हजार रुपये मांगे। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद क्लेमनटाउन थाना पुलिस और एसओजी ने मिलकर गैंग को पकड़ने की योजना बनाई। पुलिस ने पीड़ित परिवार के जरिए संपर्क कराकर आरोपियों को कार समेत मंगलवार रात जौलीग्रांट से गिरफ्तार कर लिया।तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उनसे इंजेक्शन खरीदने की जानकारी जुटाई। इस दौरान पता लगा कि वसीम अहमदाबाद से यह इंजेक्शन खरीदकर लाया था। वह कुल कितने इंजेक्शन लाया और इंजेक्शन असली हैं या नकली तैयार किए गए, इसे लेकर भी जांच की जा रही है।