सरकारी अधिकारी कर्मचारियों पर मानवाधिकार आयोग ने कसा शिकंजा, कोरोनाकाल का बहाना बनाकर स्कूली फ़ीस जमा ना करने की है शिकायत
उत्तराखंड राज्य मानवाधिकार आयोग ने कोरोना काल में लगातार वेतन लेने के बाद भी बच्चों की फीस नहीं चुकाने वाले सरकारी कर्मचारियों और अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देहरादून निवासी एक समाजसेवी की शिकायत पर आयोग ने यह निर्देश जारी किए। देहरादून निवासी समाजसेवी ने मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर कर कहा था कि पिछले साल मार्च में लॉकडाउन के बाद से अभी तक भी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं दी है। जबकि उनका वेतन हर माह समय से जारी हो रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि प्राइवेट नौकरी या अन्य काम धंधे वाले लोग आर्थिक तंगी के चलते बच्चों की स्कूल फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों को अगर सरकारी कर्मचारियों की ओर से फीस मिलती रहती तो अन्य लोगों को भी राहत मिलती। मामले की सुनवाई के बाद आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा ने कोरोना काल में फीस नहीं देने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों खिलाफ कार्रवाई के निर्देश डीएम देहरादून को दिए हैं।