पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण चौरासी कुटिया पर्यटन विभाग को सौंपने का प्रधानमन्त्री से करेंगे आग्रहः महाराज, इनर लाइन समाप्त होने के बाद अधिकारियों को नीति घाटी में पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के निर्देश
देहरादून- उत्तराखण्ड में पर्यटन को संवारने के लिए सफारी पार्क को विकसित करने के साथ साथ प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ऋषिकेश स्थित बिटल की गीत रचना स्थली चौरासी कुटिया को पर्यटन के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित करने की तैयारी में हैं। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद गढ़ीकैंट में पर्यटन अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने के साथ साथ हमें हैरिटेज स्थलों के रख रखाव पर भी ध्यान देना चाहिए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ऋषिकेश स्थित बिटल की कर्मभूमि चौरासी कुटिया को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए एक प्रपोजल बनाएं। उन्होने कहा कि वह माननीय प्रधानमंत्री जी से इस संबंध में आग्रह करेंगे कि चैरासी कुटिया की देखरेख का अधिकार वन विभाग से पर्यटन विभाग को दिया जाए। उन्होने बताया कि चौरासी कुटिया जो कि एक धरोहर है, वर्तमान में वह रख रखाव के अभाव में जीर्ण क्षीर्ण हो गई हैं। यदि पर्यटन विभाग को इसकी ज़िम्मेदारी मिलती है तो हम इसे वर्ड हैरिटेज के रूप संरक्षित करने के साथ साथ दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं। महाराज ने अधिकारियों से कहा कि वह राज्य में सफारी पार्क को विकसित करने की कार्ययोजना पर काम शुरू करें। उन्होने कहा कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता कर इस प्रयास में लगे हैं कि वहां से एक सफेद टाइगर उत्तराखंड लाया जाये। उन्होने पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिये कि चूंकि अब नीति घाटी में इनर लाईन समाप्त हो गया है इसलिए मार्च 2021 से वह टिम्बरसैण महादेव की यात्रा के साथ साथ नीति घाटी में पर्यटन गतिविधियों को संचालित करने की तैयारी पर ध्यान दें।
इसके साथ ही पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वह चल रही सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करें। उन्होने उत्तराखण्ड के आखिरी गांव में कार्यक्रम कराने के भी दिशा निर्देश दिये। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन का प्रचार-प्रसार आॅडियो व वीडियो के माध्यम से किया जाये ताकि उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों को राज्य की संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके। महाराज ने जीएमवीन व केएमवीन के एकीकरण किये जाने की प्रक्रिया पर गंभीरता से काम किया जाने की बात कही।