Thursday, December 12, 2024
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उत्तराखंड

स्कूलों में निशुल्क ग्रोथ माँनीटिरिंग एंव स्क्रीनिंग ड्राइव, शिविर में वैज्ञानिक तरीकों से बच्चों की लंबाई एंव वजन की होगी माप

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, डा० (मेजर) गौरव मुखीजा एंव मेदाजली हेल्थकेयर बद्रीपुर के संयुक्त तत्वावधान में विभिन्न स्कूलों में ‘निशुल्क ग्रोथ माँनीटिरिंग एंव स्क्रीनिंग ड्राइव’ का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुवात 6 सितम्बर को राजकीय प्राथमिक विद्यालय अजबपुर खुर्द में बच्चों में पोषण से सम्बन्धित कमियों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग शिविर आयोजित कर की गई। इस श्रृंखला में 8 सितम्बर से सौभाग्यम इन्टरनेशनल स्कूल नवादा में भी शिविर की शुरुवात की गई, जिसमे आने वाले चार दिनों तक स्कूल के प्री प्राइमेरी से कक्षा 12 के लगभग 450 बच्चों की समग्र ग्रोथ माप कर की जायेगी।

शिविर में बच्चों की लंबाई एंव वजन की माप करके वैज्ञानिक तरीकों से डब्लू एच. ओ एंव इंडियन एकेडमी आफॅ पीडियाट्रिक्स के ग्रोथ चार्टस की मदद से बच्चों के ग्रोथ पेटर्न का अवलोकन किया जाता हैं। इसके साथ ही शिविर में निशुल्क ग्रोथ रिर्पोट्स, निशुल्क पोषण परामर्श, एनीमिया की स्क्रीनिंग और अन्य पोषण सम्बन्धित कमियों के बारे मे परीक्षण किया जाता है। जिसके बाद इस ग्रोथ रिर्पोट्स के आधार पर एक निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा मेदांजली हेल्थकेयर बद्रीपुर एंव नालन्दा हेल्थकेयर डिफेन्स कालोनी के द्वारा प्रदान की जा रही है।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा० (मेजर) गौरव मुखीजा ने बताया कि हमारी टीम अधिक से अधिक स्कूलों में इस तरह की निशुल्क ग्रोथ मॉनीटिरिंग ड्राइव का आयोजन करने जा रही है, ताकि हमें पोषण की कमी से होने वाले रोगों का सही समय पर पता लग सकें और उनका उचित निदान किया जा सकें। डा० (मेजर) गौरव मुखीजा ने यह भी बताया कि अभिवावक अपने बच्चे के दिन प्रतिदिन की स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में तो जागरुक रहते है परंतु बच्चों के कुपोषित रहने के बारे में उतने गंभीर नहीं होते। जिसके दीर्घकालिक परिणाम तब सामने आते हैं जब बच्चा बड़ा हो जाता है और ऐसी स्थिति में उसका उपचार करना काफी दुष्कर होता है।

मेदांजली हेल्थकेयर के फाउन्डर सुरेन्द्र नैथानी ने सभी स्कूलों से अपील की है कि वह सब सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ डा० (मेजर) गौरव मुखीजा की सकारात्मक वैज्ञानिक पहल को आगे बढ़ाने में अपन हर संभव सहयोग करें। जिससे बच्चों में पोषण से सम्बन्धित कमियों की पहचान एवं निदान समय पर हो सके।

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