निर्मला गहतोड़ी के बयान से सकते में उत्तराखंड कांग्रेस, क्या चम्पावत में कांग्रेस प्रत्याशी के बयान से बढ़ गया देहरादून में नव संकल्प क्रियान्वयन कार्यशाला का समय ?
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कांग्रेस ने दो दिवसीय नव संकल्प क्रियान्वयन कार्यशाला का आयोजन किया। जिसके पहले दिन 01 जून को दो सत्रों में उदयपुर चिंतन शिविर से मिले निर्देशों और पार्टी को कैसे भविष्य के लिए मजबूत करना है, इसको लेकर सभी ने अपनी बात कही है। वहीं दूसरा सत्र समाप्त होते होते, इस बात पर चर्चा ज्यादा होने लगी की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की हार का मुख्य कारण बड़े नेता रहे। जिनके चलते कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेसी सूत्रों की माने तो कार्यशाला में मौजूद हर व्यक्ति ने खुलकर अपने दिल की भड़ास को निकालने का काम किया। जिसके बाद जैसे तैसे पहले दिन की कार्यशाला समाप्त हुई। कार्यशाला का दूसरा और अंतिम दिन चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के बड़े बयान की चर्चा के साथ शुरू हुआ। जो आज के अखबारों की सुर्खियां बना हुआ है। उपचुनाव मतदान के ठीक बाद सामने आए कांग्रेस प्रत्याशी के बयान से खुद कांग्रेस सकते में आ गई है। जिसका नतीजा यह रहा की नव संकल्प क्रियान्वयन कार्यशाला का आयोजन तो किया गया था संगठन को मजबूत करने के लिए। लेकिन उल्टा अपने ही नेताओं के निशाने पर बड़े नेता आ गए है। निर्मला गहतोड़ी ने खुला आरोप लगाया है कि उन्हें कांग्रेस ने केवल चुनाव चिन्ह दिया, बाकी पूरा उपचुनाव उन्होंने अपने दम पर लड़ा है। साफ समझा जा सकता है कि एक दिन पहले संपन्न हुए मतदान के बाद इतनी बड़ी बात कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ने कही है। साथ ही अपने बयानों में कई और गंभीर आरोप भी संगठन और कांग्रेस के नेताओ पर लगाए है। सूत्रों की माने तो राजधानी देहरादून में आयोजित जो नव संकल्प क्रियान्वयन कार्यशाला दोपहर बाद समाप्त होनी थी, इसी कारण से उसका समय बढ़ गया है। कार्यशाला में खुलकर नेता निर्मला गहतोड़ी के बयान को आधार बनाकर बड़े नेताओं से जवाब मांग रहे है, जिससे चर्चा का समय बढ़ गया है। कांग्रेसी नेताओ और पूर्व प्रत्याशियों का आरोप है कि जब एक दिन पहले हुए एक विधानसभा उपचुनाव के मतदान में प्रत्याशी की हालत ऐसी हो गई है, तो फिर प्रदेश की 70 विधानसभा में कैसे हम कांग्रेस को मज़बूत करेंगे ?