बड़ी ख़बर: UPCL में बिजली संकट के बाद अब आर्थिक संकट, 6900 कर्मचारियों को मई माह की तनख्वाह में हो सकती है देरी _ सूत्र
उत्तराखंड राज्य में गहराए बिजली संकट के बीच अब यूपीसीएल में आर्थिक संकट भी गहरा गया है। बिजली संकट को नियंत्रित करने में जुटे कर्मचारी, इंजीनियरों को इस महीने वेतन भुगतान में देरी हो सकती है। वहीं यूपीसीएल में ठेकेदारों का भुगतान पहले ही रोका जा चुका है। सूत्रों की माने तो पिटकुल, यूजेवीएनएल को भी इंतजार करने के लिए कहा गया है। केंद्रीय एजेंसियों को भी भुगतान रुक रुक कर किया जा रहा है। यूपीसीएल का अभी पूरा फोकस बाजार से नगद बिजली खरीद के लिए पैसे जुटाने पर है।
अभी राज्य में प्रतिदिन 14 से 16 मिलियन यूनिट बिजली की कमी सामने आ रही है। गैस पावर प्लांट से प्रतिदिन मिलने वाली 7.5 एमयू बिजली भी लंबे समय से नहीं मिल रही है। ऐसे में मौजूदा समय में यूपीसीएल बिजली सप्लाई के मामले में बाजार की बिजली पर निर्भर है। इस बिजली के लिए रोजाना पावर एक्सचेंज को नगद में भुगतान करना पड़ रहा है। इस नगद भुगतान को बनाए रखने को यूपीसीएल मैनेजमेंट ने अन्य शेष भुगतान पर रोक लगा दी है।
कर्मचारियों के वेतन भुगतान से पहले भी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में संभावना यही जताई जा रही है कि इस बार मई के महीने में वेतन कुछ दिन लेट हो सकता है। फंड सेक्शन को ठेकेदारों का भुगतान रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
यूपीसीएल में इस समय नियमित, उपनल, स्वयं सहायता समूह के मिला कर कुल 6900 कर्मचारी हैं। 2600 के करीब नियमित, 2800 उपनल, 1500 स्वयं सहायता समूह के कर्मचारी हैं। इसके साथ ही कई सब स्टेशन पूरी तरह ठेके पर दिए गए हैं। इनके कर्मचारियों की संख्या अलग है।