उत्तराखंड में किसकी लगेगी लॉटरी
दिल्ली– मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार जल्द होने की संभावना है जी हां 6 जुलाई से शुरू हुआ सावन का महीना 3 अगस्त को खत्म होगा ऐसे में पार्टी संगठन के कुछ वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह देने की तैयारी चल रही है पार्टी सूत्रों का कहना है अगस्त के दूसरे सप्ताह में मंत्रिपरिषद विस्तार करने की दिल्ली में तैयारी है दरअसल सावन मास में शुभ कार्य से लोग बसते हैं और भारतीय जनता पार्टी मुहूर्त आदि का खास ख्याल रखती है ऐसे में माना जा रहा है सावन खत्म होते ही मंत्रिपरिषद विस्तार किया जाएगा इससे पहले बीजेपी की राष्ट्रीय टीम घोषित होगी उसके बाद कैबिनेट में फेरबदल होगा
आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी नियमों के मुताबिक लोकसभा के कुल सदस्य संख्या का 15% यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं पिछली सरकार में मोदी मंत्रिमंडल में 70 मंत्री थे ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार पिछली बार के आंकड़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमल किया तो कम से कम 13 नए मंत्रियों को सरकार में जगह मिल सकती है पार्टी सूत्रों का कहना है कि आर एस एस के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष की जून में प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस मसले पर बैठक हो चुकी है माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने टीम की लिस्ट तैयार कर ली है इसका साफ मतलब है कि कौन संगठन से सरकार में और सरकार से संगठन में आएगा किस राज्य से संगठन और सरकार में कितने लोग आएंगे इसका खाका तय हो चुका है
सूत्रों का कहना है कि संगठन से राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव डॉ अनिल जैन और उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का नाम मंत्री बनने के संभावित ओं में है सरकार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के मकसद से राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडे को भी राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है राजस्थान से जुड़े एक मंत्री को ड्रॉप किया जा सकता है 8 कैबिनेट मंत्रियों के पास से दो से तीन मंत्रालय हैं कुछ स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों के पास भी एक से अधिक मंत्रालय हैं ऐसे में मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी मोदी सरकार के संभावित मंत्रियों में चल रहा है सूत्रों का कहना है कि एस जयशंकर की तर्ज पर कुछ विशेषज्ञों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है नवंबर में संभावित बिहार चुनाव के कारण जेडीयू को भी सरकार में हिस्सेदारी दी जा सकती है पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार में मिडिल ऑर्डर में परिवर्तन होने का ज्यादा संभावना है अगर कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो एक मंत्री को हटाया जा सकता है सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद है पिछले साल दिसंबर में ही प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू कर दी थी जब 21 दिसंबर को नए मंत्रि परिषद की मैराथन समीक्षा बैठक की थी उसके बाद ही मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार हुई थी लेकिन बाद में बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव और फिर करुणा की चुनौती के कारण मामला टल गया मगर अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को पूरा किए 1 साल से ज्यादा हो चुके हैं ऐसे मंत्रिमंडल विस्तार अब होना तय है 2014 में बनी सरकार के दौरान 6 महीने के अंदर पहला मंत्रि परिषद विस्तार हो गया था जून में मंत्री परिषद को लेकर संघ पदाधिकारियों और बीजेपी नेताओं के बीच हुई बैठक से साफ है कि अगस्त से सितंबर के बीच में मंत्री परिषद का विस्तार किया जा सकता है इस बात को इसलिए भी बल मिला है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मध्य प्रदेश में 24 सीटों के सितंबर में संभावित उपचुनाव से पहले उन्हें केंद्र में जिम्मेदारी मिलने की मांग उठा रहे हैं उनका कहना है कि इससे उपचुनाव में बीजेपी को फायदा होगा