बड़ी ख़बर: क्या एक बार फिर से उत्तराखंड प्रदेश में होगा अंधेरा ? 06 अक्टूबर से ऊर्जा कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का किया एलान, शासन ने पड़ोसी राज्यों से मांगी मदद, भेजी चिट्ठी
उत्तराखंड राज्य के बिजली निगमों के विभिन्न कर्मचारी संगठन 06 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान कर चुके है। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले राज्य में बिजली के उत्पादन, पारेषण और वितरण में लगे तीनों निगमों के दस संघों के लगभग 3,500 से अधिक कर्मचारियों ने हड़ताल के लिए हाथ मिलाया है। संयुक्त मोर्चा की मांग है कि राज्य सरकार उनकी 14 सूत्रीय मांगो को पूरा करे। वहीं संयुक्त मोर्चा की ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के साथ चली लगभग 06 घंटे की मैराथन बैठक भी बेनतीजा रही है। जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल पर आगे बढ़ने का फैसला लिया है। बिजली निगमों के कर्मचारी चाहते हैं कि एश्योर्ड करियर प्रोग्रेस (एसीपी) की पुरानी व्यवस्था बहाल हो और उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (यूपीएनएल) के सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। हालांकि सरकार ने बिजली कर्मियों की हड़ताल पर एस्मा लगाया हुआ है। लेकिन बिजली कर्मचारियों के सख्त रवैए को देखते हुए पड़ोसी राज्यों से वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की दिशा में भी काम करना शुरू कर दिया है।
मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, कर्मचारी हड़ताल वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर, 2017 को कर्मचारी संघों और सरकार के बीच एक समझौता हुआ था, लेकिन लिखित सहमति को लागू करने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं अगर हड़ताल होती है तो फिर जिलाधिकारी को व्यवस्था बनानी होगी, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों के फोन नंबर और घर के पते भी शासन स्तर पर तत्काल उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए है।
दूसरी तरफ उत्तराखंड शासन की पड़ोसी राज्य से मदद मांगने की बात अन्य राज्यो के ऊर्जा संगठनों को भी नागवार गुजरी है। जिसके बाद वहां के कर्मचारी संगठन भी सक्रिय हो गए है।