Friday, April 26, 2024
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चिकनगुनिया से बचने के लिए ये 4 चीज रोजाना जरूर खाएं

चिकनगुनिया से बचने के लिए ये 4 चीज रोजाना जरूर खाएं

नई दिल्ली। बरसात के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। इस मौसम में मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा सबसे अधिक रहता है। यह एक वायरल इंफेक्शन होता है जो मच्छर के काटने से होता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इस रोग के लक्षण मच्छरों के काटने के 3 से 7 दिन के बाद दिखाई देते हैं।

चिकनगुनिया के प्रमुख लक्षण बुखार और जोड़ों का दर्द है। लेकिन कुछ लोगों में सिरदर्द, मतली, दाने और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर आप चिकनगुनिया के इन लक्षणों को महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं, जो चिकनगुनिया से बचने में मदद करते हैं। हम आपको बता रहे हैं उन खाद्य पदार्थों के बारे में जो चिकनगुनिया से बचाते हैं।

1. पत्ते वाली सब्जियां
चिकनगुनिया को रोकने के लिए पत्तेदार सब्जियां सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक हैं। इन सब्जियों में कम कैलोरी होती है और पचाने में भी आसानी होती है। अपने आहार में पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें। यह आहार चिकनगुनिया को तो रोकने में मदद करेगा ही साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

2. सेब और कच्चा केला
अगर आपको चिकनगुनिया हो गया है तो उससे उबरने के लिए तरबूज और संतरे जैसे फलों से दूर रहें। वहीं, आप सेब और कच्चे केले खा सकते हैं। सेब फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो आपके पाचन तंत्र को साफ करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।

3. विटामिन-सी और विटामिन-ई से भरपूर खाद्य पदार्थ
विटामिन-सी के सेवन से मांसपेशियों, हड्डियों और रक्त वाहिकाओं के निर्माण में मदद मिलती है। वहीं, विटामिन-ई अच्छे स्वास्थ्य, साफ त्वचा और दिल के दौरे से बचाता है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी और विटामिन-ई का सेवन करने से चिकनगुनिया का खतरा कम हो जाता है। इसके साथ ही आप अमरूद, पीली शिमला मिर्च, कीवी और स्ट्रॉबेरीज का सेवन भी कर सकते हैं।

4. तरल खाद्य पदार्थ
तरल पदार्थ जैसे सूप, दाल या ग्रेवी भी चिकनगुनिया से जल्दी उबरने में मदद करते हैं। खासकर बीन्स, मांस या मछली का सूप फायदेमंद साबित हो सकता है।

5. ओमेगा-3 फैटी एसिड्स
चिकनगुनिया से उबरने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। ओमेगा 3 फैटी एसिड रक्त के थक्कों को कम करता है और दिमाग के लिए भी अच्छा होता है।

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