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टकराव से पहले ही तेज हो गई थीं चीन सेना की गतिविधियां, सेटेलाइट तस्वीरों से नापाक इरादे का खुलासा

टकराव से पहले ही तेज हो गई थीं चीन सेना की गतिविधियां, सेटेलाइट तस्वीरों से नापाक इरादे का खुलासा

सिंगापुर। गलवन घाटी में भारतीय सेना से हुई झड़प के पहले से ही चीनी सेना की गतिविधियों में तेजी आ गई थी। सेटेलाइट से मिली तस्वीरों में यह बात सामने आई है। तस्वीरों में दिख रहा है कि हफ्ताभर पहले से ही सीमा पर चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ी हुई थीं। एक विशेषज्ञ ने बताया कि प्लेनेट लैब्स द्वारा खींची गई इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीन गलवन घाटी के नजदीक रास्ते को चैड़ा कर रहा था। नदी पर पुल बनाने के संकेत भी दिखे हैं। में यहां की पहाडियों और गलवन नदी में कुछ बड़ी मशीनें भी नजर आई हैं। तस्वीरों से ऐसा लगता है कि चीन घाटी में सड़क बना रहा है और संभवतरू नदी पर बांध बना रहा है। तस्वीरों में सीमा के दोनों तरफ गाडियों की लंबी कतारें दिख रही हैं। हालांकि चीन की ओर इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। भारत की ओर जहां ऐसे 30-40 वाहन दिख रहे हैं, वहीं चीन की ओर इनकी संख्या 100 से ज्यादा है।

उल्‍लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कल चीन के विदेश मंत्री वांग यी से दो टूक कहा था कि गलवन घाटी में चीनी पक्ष ने सुनियोजित तरीके से भारतीय सैनिकों पर अप्रत्याशित हमला किया है जिसका दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों पर काफी गहरा असर होगा। उन्‍होंने कहा था कि हालात में सुधार हो रहा था कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय क्षेत्र (गलवन) में एक ढांचा लगाने की कोशिश की। चीन ने सुनियोजित तरीके से कुछ ऐसे कदम उठाए जिसकी वजह से हिंसा हुई और भारतीय सैनिक शहीद हुए।

उल्‍लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे। साल 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे जबकि 300 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए थे। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में इस सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण दोनों देशों के बीच उपजे तनाव से स्थिति बेहद गंभीर हो गई है।

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