Tuesday, May 7, 2024
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उत्तराखंड

टूट गई एवरेस्ट विजेता जुड़वा बहनों नुंग्शी- ताशी की जोड़ी, बड़ी बहन नुंग्शी ने परिवार को सर्प्राइज करते हुए लिया ये बड़ा फ़ैसला !

एवरेस्ट द्विन नुंग्शी मलिक ने नाटकीय अंदाज़ में दूल्हे को क्लाइम्बिंग कैबिनेर की माला पहनाई, जिनका उपयोग उसने विभिन्न चढ़ाइयों के लिए किया था।जन्म से लेकर 12 अप्रैल 2023 तक, पिछले 31 वर्षों तक भारत की प्रसिद्ध एवरेस्ट जुड़वां नुंग्शी- ताशी ने सब कुछ एक साथ किया है। उनका बायोडाटा एक-दूसरे की कार्बन कॉपी था। 13 अप्रैल को पहली बार सब कुछ बदल गया, जब बड़ी जुड़वां बहन नुंग्शी ने अपने मंगेतर अविनाश वर्गीज के साथ डीएसओ आई, गढ़ी कैंट में एक साधारण पारिवारिक समारोह में शादी कर ली।

अविनाश से न्यूजीलैंड के सबसे दक्षिणी शहर इनवरकारगिल में कॉमन फ्रेंड्स की एक पार्टी में मिली थी और यह पहली नजर में प्यार था जुड़वां बहनें एडमंड हिलेरी फैलोशिप के प्राप्तकर्ता के रूप में नियमित रूप से न्यूजीलैंड आती जाती है। छोटी जुड़वां ताशी ने अपनी बहन को जीवन में सबसे ऊँची छलांग लगाने के लिए बधाई देते हुए मजाक में कहा कि ‘भगवान का शुक्र है कि वह आखिरकार मेरी पीठ से उतर गई है, अब मैं पहली बार पूरी तरह से स्वतंत्र महसूस कर सकती हूँ और अपने अंदर की कुछ नई खूबियों को डिस्कवर कर सकती हूँ जिसका मुझे अपनी बहन की छत्रछाया में रहकर अवसर नहीं मिला था !

केरल के रहने वाले अविनाश वर्गीज के माता-पिता, दोनों बेकिंग पेशेवर हैं, वे 20 साल पहले परिवार सहित न्यूजीलैंड चले गए थे और उन्होंने पूरे न्यूजीलैंड में संपन्न व्यवसाय स्थापित किए हैं। ” नुग्शी का ये 2 स्टेट्स विवाह जुड़वां बहनों के अब तक के जीवन की तरह अडवेंचरस था। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि मैं अविनाश से ठीक 100 दिन पहले बाई चांस एक कॉमन फ्रेंड्स की पार्टी में मिली थी। ये लव एट फर्स्ट साइट था और 101 वें दिन हम शादी कर रहे हैं, नुंग्शी कहती हैं मैंने माता-पिता को तैयारी के लिए सिर्फ 4 सप्ताह का समय दिया। मैंने पापा को मजाक में कहा अगर ये संभव नहीं है तो में एवेरेस्ट बेस पर जाकर शादी कर लूंगी। जो वहां तक चल सकते हैं वे वेलकम हैं!”शादी समारोह में केवल बहुत करीबी दोस्त और परिवार के सदस्य शामिल हुए थे। एक दर्जन से अधिक विदेशी मित्र और केरल से बड़ी संख्या में बाराती शामिल हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री ‘उत्तराखंड की बेटी को आशीर्वाद देने के लिए पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण उपस्थित नहीं हो सके। दोनों ने नुंग्शी को शादी की हार्दिक बधाई देते हुए जीवन के इस नए सफर में उनकी सफलता एवं लम्बी उम्र की कामना की।

गणमान्य व्यक्तियों में, हंस फाउंडेशन की माता मंगला अपने पूरे परिवार के साथ समारोह में सम्मिलित हुई। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने भी रिसेप्शन में शामिल होकर नव विवाहित जोड़े को गुलदस्ता भेंट किया। भारत में न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त डेविड पाइन ने फूलों का गुलदस्ता भेजा, जिस पर लिखा था, ‘प्रिय नुंग्शी, शादी की हार्दिक बधाई। यह अत्यंत खुशी का संयोग है की आपका न्यूजीलैण्ड के साथ एक और गहरा नाता जुड़ गया है!”

दुनिया भर के अन्य देशों तरह, जुड़वां बहनों को न्यूजीलैंड में बहुत अच्छी तरह से जाना जाता है। उन्होंने 2015 में वहां से खेल में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। न्यूजीलैंड की सबसे ऊंची चोटी माउंट कुक (स्थानीय माओरी भाषा मैं माउंट आओराकी पर चढ़ाई करके अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई का जश्न मनाया, एवं ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला जुड़वां भी बन गईं। शादी की योजना के बारे में पूछे जाने पर छोटी जुड़वां बहन ताशी ने कहा, ‘मैं अभी खुद को शादी में नहीं धकेलना चाहती, सिर्फ इसलिए कि मेरी बहन ने इसमें कदम रखा है। में नुंग्शी और अविनाश के लिए अत्यंत खुश हूँ और हां, मुझे लगता है कि मैं एक या दो साल में उसका अनुसरण कर सकती हूँ। सरप्राइज के लिए तैयार रहें।”

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