Saturday, May 18, 2024
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देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कहा_ मेरे लिए यह भूमि इसलिए भी महत्वपूर्ण है। मेरा इस भूमि से नाता मर्म का भी है और कर्म का भी है। सत्व का भी और तत्व का भी है।

उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं तपोस्थली भी है। यह योगनगरी के रूप में दुनिया के लोगों को आकर्षित करती रही। हम सभी को मां गंगा का आर्शीवाद मिल रहा है। आज से नवरात्र का पावन पर्व भी शुरू हो रहा है। पहले दिन शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री हिमालय पुत्री है। आज का दिन यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना हिमालय की धरती को प्रणाम करना है। इससे बड़ा जीवन कौन सा धन्य भाग हो सकता है।

आज में उत्तराखंड आया हूं विशेष उद्देश्य के लिए बधाई देना चाहता हूं। टोक्यो ओलपिंक में देवभूमि ने भी झंडा गाड़ा है। इसलिए आप सब अभिनंदन के अधिकारी। उत्तराखंड की दिव्य धरा ने मुझ जैसे अनेक लोगों को जीवनधारा को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है। मेरे लिए यह भूमि इसलिए भी महत्वपूर्ण है। मेरा इस भूमि से मेरा नाता मर्म का भी है और कर्म का भी है। सत्व का भी और तत्व का भी है।

आज के ही दिन 20 साल पहले मुझे जनता की सेवा का एक नया दायित्व मिला था। यह यात्रा कई दशक पहले से चल रही है, लेकिन आज से बीस साल पहले गुजरात सीएम के रूप में मुझे नई जिम्मेदारी मिली। यह भी एक संयोग है कि इस राज्य का गठन 2000 में हुआ और मेरी लोगों की सेवा की यात्रा कुछ ही महीनों बाद 2001 से शुरू हुई। मैंने पहले सीएम और फिर पीएम के पद तक पहुंचने की कल्पना भी नहीं की थी। ऐसे महत्वपूर्ण वर्ष में जिस धरती ने मुझे स्नेह और अपनत्व दिया, वहां आना मैं अपना बड़ा सौभाग्य मानाता हूं। हिमालय की यह तपोभूमि त्याग का मार्ग दिखाती है। इस भूमि पर आकर करोड़ो देशवासियों की सेवा का मेरा संकल्प और दृढ़ हुआ है। यहां आकर एक नई ऊर्जा मिलती है।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत जनअपेक्षाओं, आवश्यकताओं का पूर्ण समाधान करते हुए आगे बढे़गा। अब सरकार इस बात का इंतजार नहीं करती कि नागरिक उसके पास समस्या लेकर आएगा, तब कोई कदम उठाएंगे। सरकारी माइंडसेट से भी हम इस भ्रांंत को बाहर निकाल रहे हैं। अब सरकार प्रत्येक नागरिक के पास जाती है। गरीबों को पक्का घर, बिजली, पानी शौचालय, गैस कनेक्शन 80 करोड लोगों को मुफ्त राशन, किसानों के बैंक खाते में सीधे हजारों करोड रुपये भेजने, पेंशन या बीमा की सुविधा हर भारतीय तक पहुचाने के प्रयास, जनहित के ऐसे हर लाभ सही हकदार के पास पहुंचे हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में भी भारत इसी एप्रोच से आगे बढ़ रहा है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग की बचत हो भी रही है और उसे सुविधा मिल रही है। पहले जब गरीब बीमारी होती थी वह आर्थिक मदद के लिए यहां-वहां नेताओं या सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता था। आयुष्मान भारत ने इस परेशानी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से देश में पहली बार इसका समाधान करने का प्रयास शुरू हुआ है। रूटिन चेकअप की समस्याओं को दूर करने के लिए ई-संजीवनी एप की सुविधा की गई है। उत्तराखंड के गांवों में मरीजों ने घर बैठे ही चिकित्सकों से परामर्श का इस एप्प का लाभ लेना शुरू कर दिया है।

स्वास्थ्य सुविधाओं को आखिरी छोर तक पहुंचाने के लिए सशक्त इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी होता है। छह साल पहले तक कुछ राज्यों तक एम्स की सुविधा थी। आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए छह एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क स्थापित करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। सररकार का लक्ष्य है कि देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। पिछले सात वर्षोंं में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू किया गया है। उत्तराखंड में भी रूद्रपुर, हरिद्वार पिथौरागढ में नए मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दी है।

चारधाम को जोडने वाली ऑलवेदर रोड पर काम तेजी से चल रहा है। चारधाम परियोजना देश-दुनिया आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बहुत बड़ी सुविधा बन रही है। कुमाऊं में परियोजना के 150 किमी. हिस्से के विकास से इस क्षेत्र नया आयाम मिलने वाला है। सड़क और रेल कनेक्टिविअी विस्तार के अलावा एयर कनेक्टिविटी पर भी काम हुआ है। देहरादून हवाई अड्डे की क्षमता 250 से बढ़कर 1200 हो चुकी है।

सीएम धामी के उत्साह और ऊर्जावान नेतृत्व में उत्तराखंड में पानी की कनेक्टिविटी पर भी सराहनीय कार्य हो रहा है। इसका लाभ महिलाओं को मिलना शुरू हुआ है। 2019 में शुरू जल जीवन मिशन ये पहले 1 लाख 30 हजार घरों में ही नल से जल की सुविधा थी। आज उत्तराखंड 7 लाख 10 हजार से ज्यादा घरों में नल से जल पहुंचने लगा है। देश में महिलाओं को जैसे उज्जवला, शौचालय से सम्मान मिला, वैसे ही जल जीवन मिशन से महिलाओं को राहत मिली है।

देश की सुरक्षा में उत्तरखंड की बड़ी भूमिका है। यहा का नौजवान और बेटियां भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान, शान हैं। हम सैनिकों के हितों के लिए गंभीरता से काम कर रह हैं। हमने वन रैंक वन पेंशन लागू कर 40 साल पुरानी मांग को पूरा किया। दिल्ली में नेशनल वार मैमोरियल बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की। बैटल कैज्वल्टी वेलफेयर फंड का लाभ आर्मी के साथ नौसेना और वायुसेना के शहीदों को भी सुनिश्चित किया है। जीसीओ और अन्य रैंक की पदोन्नति का चार दशक पुराना मामला सुलझा दिया है। सैनिकों को पेंशन भुगतान की समस्या न हो इसके लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। हमारी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का अभियान चलाया है।

हम देवभूमि को दशकों की उपेक्षा से बाहर निकालने का बहुत ईमानदारी और गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनने के बाद वीरान पड़े गांव फिर से आबाद होने लगे हैं। नए इंफ्रास्ट्रक्चर से पर्यटन, तीर्थाटन और उद्योगों के साथ युवाओं के लिए अनेक नए अवसर खुलने वाले हैं।

उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ सालों में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा, तो तब जिस ऊचांई पर होगा यह तय करने और उसके लिए जुट जाने का यही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वह उत्तराखंड की इस नई टीम को पूरी मदद दे रही है। केद्र व राज्य ाकार के साझा प्रयास यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार है। डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला। बाबा केदार की कृपा से हम हर संकल्प सिद्ध करें।

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