उत्तराखंड

प्रधानमंत्री को प्रेषित आशा फैसिलिटेटर का माँग पत्र

देहरादून- पूरे राज्य में भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले अखिल भारतीय आशा महासंघ ने अपने-अपने जिलों और ब्लॉकों में सरकार के श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ रैली निकालकर विरोध किया है। साथ ही देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भी प्रेषित किया है। देहरादून जिले में आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ती ने प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी के नेतृत्व में, जिला अध्यक्ष लक्ष्मी शर्मा, आनंदी सुमित्रा संगीता पूजा पुंडीर की उपस्थिति में जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपाने का काम किया है। आशाओं के चार सूत्रिया माँग पत्र में अपने हक़ की आवाज़ उठाने की बात कही गई है, जिस पर नज़र डाले तो—

1 ) हम आशा कार्यकत्रिय और आशा फैसिलिटेटर दोनों अलग-अलग हैं परंतु स्वास्थ्य विभाग व एनएचएम और उत्तराखंड सरकार किसी भ्रम की स्थिति में हैं वह हम दोनों का कार्य एक ही समझ रहे हैं और हमारे अधीनस्थ 15 से 35 आशाओं बहनों को साथ लेकर काम करना व कार्य कराने में परिश्रम और योगदान देते हैं।

2 )राज्य सरकार हमें 20 दिन का मोबिलिटी देती है जो कि ₹300 के हिसाब से देती है परंतु हमारी माँग है कि हमें 20 दिन की बजाय 30 दिन का मोबिलिटी ₹500 के हिसाब से प्रदान किया जाए।

3) कोविड-19 में हमारे द्वारा अपने अपने क्षेत्र में निरंतर योगदान दिया गया और अतिरिक्त कार्य के लिए हमें उचित राशि का प्रोत्साहन लाभ दिया जाए।

4) हमें राज्य कर्मचारी घोषित करते हुए न्यूनतम वेतन ₹24000 दिया जाए

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