Sunday, May 19, 2024
Latest:
उत्तराखंड

महिला आरक्षण को लेकर महिला कांग्रेस ने किया मुख्यमंत्री आवास का घेराव, बड़ा सवाल: कड़ी सुरक्षा के बीच कैसे महिलाएं पहुंची सीएम आवास ?

महिलाओं को नौकरी में 30 प्रतिषत आरक्षण रोक के विरोध में प्रदेष महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में महिला कांग्रेस नेत्रियों नें मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर विरोध प्रदर्षन किया। इस दौरान प्रदेष महिला कंाग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला नें सरकार पर अदालत में कमजोर पैरवी करने का आरोप लगाया है और सरकार से सुप्रीम कोर्ट जाने की मांग की। महिलाओं को नौकरी में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के मसले की सरकार ने हाईकोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं कर पाई। यही वजह है कि इस पर रोक लगी है। महिलाओं को इसका लाभ मिलता रहे इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट जाए या फिर इसके लिए अध्यादेश लाए। महिलाएं मजबूती से आगे बढ़े इसके लिए उन्हें नौकरी में आरक्षण का लाभ मिलता रहना चाहिए। उन्होनें कहा की उत्तराखंड की महिलाओं ने चुनौतियों का मुकाबला कर जन आंदोलनों को मुकाम तक पहुंचाया। बात चाहे स्वतंत्रता आंदोलन की हो या राज्य गठन के आंदोलन की। महिलाओं ने अपने संघर्ष से इन आंदोलन को कामयाबी दिलाई है। इसके अलावा प्रदेश में पेड़ को कटाने को रोकने के लिए चिपको आंदोलन और नशे बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ भी महिलाओं ने आवाज को बुलंद किया। उत्तराखंडी महिलाएं अपने सीमित दायरे और सामाजिक रूढ़िवादिता के बावजूद हर समस्या के समाधान के लिए लड़ाई लड़ने में अग्रिम पंक्ति में रही हैं। उन्होंने अपने आंचल को हमेशा ही इंकलाबी परचम बना दिया। उन्होनें कहा की स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को देखा जाए तो उत्तराखंड की नारियों ने इस आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है। 1930 में नमक सत्याग्रह व पेशावर कांड की घटनाओं ने पहाड़ी की महिलाओं को सामूहिक रूप से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन के लिए प्रेरित किया। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। 1994 में उत्तराखंड की महिलाओं ने अलग राज्य की मांग को लेकर सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया। उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में जितना योगदान यहां के पुरुष वर्ग ने दिया उससे कई गुना अधिक योगदान यहां की महिलाओं ने दिया। इस आंदोलन के दौरान घटित मुजफ्फरनगर कांड महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की याद दिलाता है। वह सन 1994 का वर्ष ही था जिसने उत्तराखंड की मातृशक्ति को घर-बार चूल्हा-चौका छोड़ हाथों में दराती लिए सड़कों पर उतार दिया था। इस दौरान प्रदेष उपाध्यक्ष आषा मनोरमा डोबरियाल षर्मा, अनुराधा तिवारी, कोमल बोहरा, संगीता गुप्ता, चन्द्रकला नेगी, पुश्पा पंवार, षिवानी थपलियाल, मीना बिश्ट, ममता षाह, षषीबाला कन्नौजिया, अंषुल त्यागी, सर्वेष्वरी, सुषीला षर्मा, मुकुन्दी, राधिका षर्मा, आदी मौजूद रहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *