खानपुर विधायक उमेश कुमार को राजद्रोह मामले में मिल सकती है बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल SLP में आगे की कार्यवाही नही चाहती सरकार: सूत्र
उत्तराखंड सरकार के सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के खिलाफ पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी में आगे की कारवाई अब नही चाहती है राज्य सरकार। अक्टूबर 2020 में उमेश कुमार की याचिका पर हाईकोर्ट उत्तराखंड ने उमेश कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमे निरस्त करने व त्रिवेंद्र सिंह रावत के सीएम रहते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
इस आदेश से राज्य सरकार संकट में आ घिरी थी और अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई थी। वहीं इस मामले में कुल 3 एसएलपी दाखिल हुई थी त्रिवेंद्र बनाम उमेश कुमार, हरेंद्र बनाम उमेश कुमार और सरकार बनाम उमेश कुमार।
जानकारी मिल रही है कि राज्य सरकार बनाम उमेश कुमार में अब राज्य शासन आगे की कारवाई नही चाहता है। एसएलपी में उमेश कुमार के खिलाफ दर्ज व हाई कोर्ट से निरस्त दर्ज मुकदमे के आदेशों के खिलाफ थी एसएलपी।
गृह विभाग के सूत्रों ने संकेत दिए है कि उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के खिलाफ दाखिल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कार्यकाल में एसएलपी वापस ले ली है।
अक्टूबर 2020 में हाई कोर्ट ने उमेश कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उमेश कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमों को निरस्त करने के साथ साथ उमेश कुमार की याचिका पर तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
इस आदेश से राजनीतिक संकट बढ़ा था और अगले ही दिन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अर्जी लगाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। वहीं इस मामले में 3 अलग अलग एसएलपी दाखिल की गई थी।
जानकारी के मुताबिक अब इस मामले में एसएलपी में आगे की कारवाई में राज्य सरकार ने अनिच्छा जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने की गुजारिश का पत्र कोर्ट में प्रेषित कर दिया है।
अब राज्य सरकार के इस फैसले से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व कैंप को झटका लगना तय माना जा रहा है। हालंकि अभी 2 अन्य एसएलपी इसी मामले में कोर्ट में चल रही है।