बच्चों में दिख रही HFMD बीमारी को लेकर प्रभारी सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किए आदेश, सभी DM और CMO को राहत बचाव के उपाय करने के निर्देश
प्रायः देखा जा रहा है कि उत्तराखण्ड राज्य में विभिन्न जनपदों में बच्चों में हैण्ड फुट माऊथ डिज़ीज़ (HFMD), Tomato Flu का प्रकोप बढ रहा है अवगत होना चाहे कि HEMD के प्रकोप को रोकने के लिये हर सम्भव प्रयास किया जाना आवश्यक है HFMD के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये निम्न जानकारी एवं निरोधात्मक गतिविधियां आवश्यक है:
1. HFM संक्रमण झप्लेट इन्फैक्शन यानि खासने व छींकने से फैलता है व सक्रमित व्यक्ति के नजदीकी सम्पर्क में आने से थूक अथवा लार के सम्पर्क से फैलता है।
2. HFMD के लक्षण है बुखार का आना, बदन दर्द, जी मचलाना, भूख न लगना, गले मे सुजन व दर्द, दस्त लगना, जोड़ों में सूजन आदि साथ ही 01 से 02 दिन के भीतर मसूड़ों, चेहरे, जीभ एवं हाथ व पंजों में चकत्ते आना।
3. बचाव के तरीके – संकमित बच्चे अथवा व्यक्ति को बीमारी की अवधि के दौरान आईसोलेट करना ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके, बच्चों को जागरूक किया जाये, चकत्तो को रगड़ा न जाये, मास्क का इस्तेमाल एवं छींकते व खांसते समय सावधानी बरते।4. उपचार HFMD आमतौर पर मामूली रोग के रूप में परिलक्षित होता है एवं सामान्य लक्षणों के साथ स्वतः ही ठीक होने वाला रोग है। थोड़ी सी सावधानी से रोग को पूरी तरह से नियंत्रण में किया जा सकता है। लक्षण होने पर शरीर में समुचित हाईड्रेशन रखा जाये प्रचुर मात्रा में पानी एवं तरल पदार्थों का सेवन किया जाये, संतुलित आहार लिया जाये हरी सब्जियाँ, फल, प्रोटीन डाईट एवं विटामिन का सेवन किया जायें, बुखार व दर्द के लिये पैरासिटामॉल का इस्तेमाल किया जाये।
अतः आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि HFMD की स्थिति की कड़ी निगरानी करे। समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में सभी चिकित्सको व सम्बन्धित स्वास्थ्य कर्मियों को HFMD के नियंत्रण एवं बचाव के पहलुओं पर जागरूक करें। आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से जनसमुदाय में HFMD से बचाव पर जागरूकता करवाना सुनिश्चित करे।