Friday, May 17, 2024
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हिमाचल और उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री के बीच हुई मुलाकात, हिमाचल ने मांगी एनओसी ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने जताई शर्तो के साथ सहमति

हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और उत्तराखण्ड राज्य के ऊर्जा मंत्री डा0 हरक सिंह रावत के बीच देहरादून में हिमाचल और उत्तराखण्ड के विभिन्न ऊर्जा क्षेत्र से सम्बन्धित विषयों पर भेंट वार्ता हुयी। इस अवसर पर दोनों राज्यों के ऊर्जा क्षेत्र के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे पिटकुल के प्रबन्ध निर्देशक दीपक रावत, आई०ए०एस० उपाकालि के प्रबन्ध निर्देशक अनिल कुमार, पिटकुल के निदेशक (परिचालन) संजय मित्तल एवं यूजे०पी०एन०लिए के महाप्रबन्धक विपिन बिहारी सिघल भी उपस्थित रहे। एच०पी०टी०सी०एल० द्वारा हिमाचल प्रदेश के पौटा साहिब में 220 के०वी० उपकेन्द्र का निर्माण किया जा रहा है जिसके लिये उत्तराखण्ड के खोदरी जल विद्युत परियोजना से निकलने वाली 220 के०वी० डबल सर्किट खोदरी-माजरी लाईन का लीलो उपरोक्त उपकेन्द्र पर किया जाना जिसके लिये हिमाचल सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार से अनापत्ति के लिये अनुरोध किया गया। बैठक के दौरान उत्तराखण्ड के ऊर्जा डा० हरक सिंह रावत द्वारा विभागीय अधिकारियों विचारोपरान्त इस आधार पर सहमति दी गयी कि एच०पी०टी०सी० एल० अधिकतम 200 मेगावाट पावर ही 220 के०वी० खोदरी पावर हस के स्विचयार्ड से आहरित करें एवं इस उच्चतर सीमा (200 मेगावाट पर प्रतिबन्ध सहित Special Protection Scheme (SPS) का क्रियान्वयन करें जिससे कि उत्तराखण्ड ग्रिड पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। हिमाचल के ऊर्जा मंत्री द्वारा उपरोक्त अनापत्ति के लिये आभार व्यक्त किया गया और यह आश्वासन दिया गया कि एच०पी०टी०सी० एल० द्वारा Special Protection Scheme (SPS) को लागू करना सुनिश्चित किया जायेगा।डा० हरक सिंह रावत ने बताया कि दोनों राज्यों की भौगोलिक स्थितियाँ समान है और हिमाचल प्रदेश ने ऊर्जा क्षेत्र में काफी प्रगति की है एवं प्रदेश की विद्युत आवश्यकताओं को पूर्ण करने के साथ-साथ अन्य राज्यों की भी विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। उत्तराखण्ड को भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज परऊर्जा क्षेत्र में काम करना होगा हिमाचल के ऊर्जा मंत्री श्री सुखराम चौधरी द्वारा यह आश्वस्त किया गया कि हिमाचल उत्तराखण्ड कोऊर्जा क्षेत्र में भरपूर सहयोग देगा। डा० हरक सिंह रावत ने बताया कि यू०जे०वी०एन०एल की 120 मेगावाट व्यासी जलविद्युत परियोजना का निर्माण अन्तिम चरण में है जिसके शीघ्र लोकार्पण के लिये प्रधानमंत्री से अनुरोध किया जायेगा एवं यू० जे०वी०एन० लिए की 300 मेगावाट लखवाड़ जलविद्युत परियोजना के निर्माण कार्य का भी शीघ्र ही माननीय प्रधानमंत्री जी से शिलान्यास हेतु अनुरोध किया जायेगा। यमुना घाटी में प्रस्तावित 660 मेगावाट की किसफ बहुद्देशीय जलविद्युत परियोजना का भारत सरकार, उत्तराखण्ड एवं हिमाचल सरकार द्वारा संयुक्त रूप से निर्माण किया जाना प्रस्तावित है जिसके निर्माण से उत्तराखण्ड एवं हिमाचल के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों जैसे यू०पी०, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान एवं पंजाब की जनता को भी लाभ प्राप्त होगा। परियोजना के निर्माण को शीघ्र आरम्भ करने के लिये दोनों राज्यों द्वारा संयुक्त प्रयास जारी है।

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