उत्तराखंड

हरेला: पर्यावरण को संजोने का पर्व

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित ‘‘हरेला‘‘ पर्व उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक है। यह त्योहार सम्पन्नता, हरियाली, पशुपालन और पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देता है। उत्तराखण्ड में हरेला पर्व को वृक्षारोपण त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है। श्रावण मास में हरेला पूजने के उपरान्त पौधे लगाये जाने की भी हमारी परम्परा रही है।
उन्होंने कहा कि हरेला पर्व हमारी लोक संस्कृति, प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ जुडाव का भी प्रतीक है। प्रकृति को महत्व देने की हमारी परम्परा रही है। प्रकृति के विभिन्न रूपों की हम पूजा करते हैं। हमारी इन परम्पराओं का वैज्ञानिक आधार भी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमारे लोकगीत तथा लोकपर्व प्रकृति से जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ ही बेहतर जीवन जीने का भी मार्गदर्शन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की हरेला हरियाली तथा ऋतुओं का पर्व है हमें प्रकृति संरक्षण व प्रेम की अपनी संस्कृति, तथा उत्सवों को मनाये जाने की परम्परा को बनाए रखना होगा। उन्होंने सभी से इस महत्वपूर्ण अवसर पर सक्रिय भागीदारी के साथ हर व्यक्ति से एक पौधा लगाने की अपील की है।
हरेला पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र मालदेवता क्षेत्र के अस्थल में आयोजित वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे।

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