Friday, May 17, 2024
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उत्तराखंड

वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष का दायित्व लेने से पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय ने किया मना, सचिवालय संघ ने मुख्य सचिव के माध्यम से सभी मामले सुलझाने की रखी मांग

पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे के वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष का दायित्व ग्रहण न किये जाने का संज्ञान विभिन्न समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से हुआ है, यह कहीं न कहीं मुख्यमंत्री के समक्ष सचिवालय संघ व प्रदेश के अन्य कार्मिक सेवा संघो द्वारा कार्मिको के हित मे दर्ज किये गए विरोध का ही असर है। इस सम्बन्ध मे सचिवालय संघ की ओर से मुख्यमंत्री से पुनः अनुरोध व मांग है कि कार्मिक वर्ग के व्यापक सेवा हित को देखते हुए इस प्रकार की सभी समितियो को वापस लेकर पूर्व से स्थापित व्यवस्था के अन्तर्गत वेतन विसंगति के सभी मामले मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन के स्तर पर ही एक नियत अवधि मे निस्तारित कराने की व्यवस्था अमल मे लायी जाय तथा कार्मिको की अन्य जायज मांगों जैसे गोल्डन कार्ड को CGHS के अर्न्तगत किये जाने, एम0ए0सी0पी0 के स्थान पर एसीपी की 10, 16, 26 की पुरानी व्यवस्था, कार्मिक विभाग की शिथिलीकरण नियमावली 2010 को पुनः लागू कराने, पुरानी पेंशन बहाली पर राज्य सरकार का संकल्प पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजे जाने आदि पर वित्त, कार्मिक व सम्बन्धित विभाग के सेवारत आला अधिकारियों को ही उत्तरदायी बनाते हुये उनसे ही अपेक्षित कार्य लेते हुये कार्मिक वर्ग के ऐसे सभी मुद्दो को निस्तारित कराने की व्यवस्था अमल मे लाया जाना ज्यादा श्रेष्यकर व अनुकूल होगा। कार्मिक वर्ग को सदैव यह बडी चिन्ता रहती है कि उनकी समस्याओ पर बनायी जाने वाली कोई भी समिति कभी भी उनके सेवा हितो के अनुकूल कार्य नही करेगी, ऐसी समितियाॅ सिर्फ अपना कार्यकाल ही विस्तारित करने का काम करती आयी हैं तथा कार्मिको के मामले कभी निस्तारित न होकर अधर मे ही लटकाये जाते रहे हैं और रहेंगे।

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