Wednesday, May 15, 2024
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उत्तराखंड

ऊर्जा विभाग में कर्मचारी संगठन आमने- सामने, कार्यवाही न करने का आरोप लगाते हुए प्रबंधन से मांगा जवाब

देहरादून: उत्तराखण्ड ऊर्जा कामगार संगठन की नगरीय/ग्रामीण मण्डलीय ईकाई की बैठक संगठन कार्यालय में आहूत की गई। बैठक की अध्यक्षता संगठन के नगरीय मण्डल ईकाई के अध्यक्ष एच0सी0 षर्मा द्वारा की गई। बैठक में विभिन्न कार्मिक समस्याओं पर चर्चा की गई तथा संगठन की सदस्यता बढाने पर विचार विमर्ष किया गया। इस अवसर पर इस बात पर भी कार्मिकों द्वारा चिंतन किया गया कि एक ओर तो तीनों ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन द्वारा जहॉ विभागीय नियमों से इतर प्राप्त झूठी तथा बेनामी षिकायतों पर कार्यवाहीं की जा रही है। वहीं दूसरी ओर प्रयाप्त साक्ष्य तथा षपथ पत्र देने एंव षासनादेष निर्गत होने के उपरांत भी निगम प्रबन्धन द्वारा कोई कार्यवाहीं नहीं की जा रही है। अपितु दोशी कार्मिकों को बचाते हुये मनचाही पदोन्नती दी जा रही है। जबकि षासनादेष सं0 650/।(2)/2019-05-41/2008 दिनांक 16 अप्रैल 2019 के द्वारा निगम प्रबन्धन को 15 दिनों के अन्दर दोशी कार्मिक के विरूद्ध कार्यवाहीं करने के आदेष निगम प्रबन्धन को दिये गये परन्तु निगम प्रबन्धन द्वारा दोशी कार्मिक के विरूद्ध कोई कार्यवाहीं नहीं की गई। जिसके उपरांत षासन में सूचना का अधिकार 2005 के तहत उक्त षासनादेष पर सूचना मांगे जाने पर यह तथ्य सामने आया कि निगम प्रबन्धन द्वारा कोई भी कार्यवाहीं दोशी कार्मिक के विरूद्ध नहीं की गई है। षासना द्वारा पुःन षासनादेष सं 784/।(2)/2022-05-41/2008 दिनांक 08 जून 2022 द्वारा अनुस्मारक प्रथम लिखते हुये 7 दिनों के अन्दर दोशी कार्मिक के विरूद्ध कार्यवाहीं करने को निगम प्रबन्धन को आदेषित किया गया परन्तु एक बार पुःन निगम प्रबन्धन द्वारा कोई भी कार्यवाहीं दोशी कार्मिक के विरूद्ध नहीं की गई। जबकि उक्त कार्यवाहीं के सम्बन्ध में निगम प्रबन्धन से पूछे जाने पर निगम प्रबन्धन द्वारा यह कथन दिया जा रहा है कि उक्त षासनादेष निगम प्रबन्धन को अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है जबकि उत्तराखण्ड षासन द्वारा उक्त षासनादेष की निगम में प्राप्ती की छायाप्रति भी आवेदक को उपलब्ध करा दी गई है। इससे स्पश्ट होता है कि निगम प्रबन्धन किसी विषेश कारण के तहत दोशी कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाहीं नहीं कर रहा है। इस सम्बन्ध में संगठन का एक वरिश्ठ प्रतिनिधि मण्डल मा0 मुख्यमंत्री जी, उत्तराखण्ड सरकार से मिलेगा।वहीं उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ ने भी एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार को पत्र लिखकर दूसरे संगठन के नेताओं पर संघ के महामंत्री प्रदीप कंसल की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। संघ के अध्यक्ष का कहना है कि दोनो व्यक्तियों के बीच कुछ मुद्दों पर गतिरोध था। लेकिन प्रबंधन के सामने दोनो ने बैठकर राजीनामा किया। वहीं बावजूद इसके दूसरा पक्ष लगातार संघ के महामंत्री की छवि को खराब कर रहा है। जिसको देखते हुए संघ प्रबंधन से मांग करता है की संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।

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