Saturday, May 18, 2024
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उत्तराखंड

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, code of conduct प्रभावी होने के बाद बैक डेट में किए transfers की शिकायत

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश महासचिव संगठन मथुरादत्त जोशी के नेतृत्व में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन प्रेषित करते हुए राज्य सरकार द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के उपरान्त लिये गये निर्णयों को निरस्त करवाये जाने का अनुरोध किया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि दिनांक 8 जनवरी, 2022 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 की तिथियों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है। विभिन्न समाचार माध्यमों से संज्ञान में आया है कि राज्य सरकार द्वारा चुनावों की घोषणा के उपरान्त दिनांक 8 जनवरी एवं 9 जनवरी, 2022 को विभिन्न विभागों में बडी संख्या में कर्मचारियों एवं अधिकारियों के स्थानान्तण करने के साथ ही विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं में बडे पैमाने पर नियुक्तियां की गई हैं जो कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों का खुला उलंघन है।प्रतिनिधिमण्डल ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेशभर के मुख्य मार्गों सहित समस्त पेट्रोल पम्पों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तस्वीर के साथ राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार की योजनाओं का प्रकाशन किया गया है। चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर इन विज्ञापनों को हटाया गया है और न ही पेट्रोल पम्पों पर लगे विज्ञापनों को ढका गया है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त के अलावा राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत सस्ता गल्ला के माध्यम से वितरित की जाने वाली राशन किटों पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की तशवीर लगा कर वितरित किया जा रहा है जो कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुला उलंघन है। कंाग्रेस पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर सरकारी विज्ञापनों से सम्बन्धित बैनर पोस्टरों को सार्वजनकि स्थानों से तुरन्त हटाया जाय, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत सस्ता गल्ला के माध्यम से वितरित की जाने वाली राशन किटों से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की तशवीर हटाई जाय तथा चुनाव घोषणा के उपरान्त किये गये सभी विभागों के स्थानान्तरणों एवं संवैधानिक संस्थाओं में की गई नियुक्तियों को निरस्त करते हुए दोषियों के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्रवाई की जाय।

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