नगर निगम देहरादून की जमीनों पर अवैध कब्जे होने की शिकायत, क्या नगर निगम अपनी जमीनों की कराएगा पैमाइश ?
देहरादून: चुनावी आचार संहिता के बीच शहर में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण और अवैध कब्जों की कई शिकायते नगर निगम और जिला प्रशासन, देहरादून को प्राप्त होने की जानकारी सामने आ रही है। बड़ी बात यह है कि मामले में कोई कार्रवाई न होता देख पिछले दिनों नगर निगम देहरादून में कुछ पार्षदों ने धरना देने का भी काम किया था। नगर निगम देहरादून अब 60 से बढ़कर 100 वार्ड का हो चुका है। जहां निगम क्षेत्र में नए शामिल किए गए वार्डों में जमकर अवैध कब्जे होने की शिकायत निगम तक पहुंची है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि बिना अधिकारियों के संज्ञान में आए अवैध कब्जे नही किए जा सकते। साथ ही अवैध कब्जा करने वाले लोगो ने चुनावी आचार संहिता का भी पूरा फायदा उठाया है। जिसमे अधिकारी चुनावी ड्यूटी में व्यस्त रहे और नगर निगम की भूमि पर पक्के निर्माण और पुस्ते के साथ कब्जे होते चले गए।निगम की जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जे के मामले में पार्षदों ने तीन मार्च को नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की थी। जिसमें डालनवाला थाने से सटी करनपुर में निगम के अधीन एक जमीन का हाउस टैक्स निजी व्यक्ति के नाम पर जमा होने का मामला भी पार्षदों ने उठाया था। नगर आयुक्त ने उसी वक्त भूमि अनुभाग को नगर निगम की सभी जमीनों का रिकार्ड बनाकर एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। विभागीय जांच के लिए अपर नगर आयुक्त जगदीश लाल को अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसमें निगम के वरिष्ठ वित्त अधिकारी भारत चंद्रा, अधिशासी अभियंता अनूप भटनागर सदस्य बनाए गए। लेकिन इन सबके बाद भी निगम के अन्य वार्डों में कब्जों का सिलसिला लगातार जारी है। डालनवाला क्षेत्र का बड़ा मामला होने के चलते संज्ञान में है। वहीं कई शिकायतकर्ता ऐसे भी है। जिनकी शिकायत निगम की टोकरी में धूल फांक रही है और उस पर कार्यवाही करने वाला फिलहाल कोई नही है। दूसरी तरफ धामी सरकार से भी सवाल है कि क्या सरकार अपने स्तर से भी राजधानी देहरादून समेत अन्य इलाकों में तेजी से हो रहे अवैध कब्जों को लेकर कोई अभियान छेड़ने की तैयारी में है या नहीं ?