देशभर में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चर्चा और मंथन हो रहा है। लेकिन अभी तक उत्तराखंड में इसको लेकर कोई अलग से sop तक नहीं बनी है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस कशमकश में फंसे हैं कि किस तरीके से इसकी तैयारी की जाए। विभाग के पास दावे करने के लिए पर्याप्त दवाएं भी हैं और बच्चों के लिए ऑक्सीजन मास्क भी। लेकिन धरातल पर विभाग के हाथ अभी भी खाली ही दिखाई दे रहे हैं। आलम यह है कि अधिकारी अब बच्चों के लिए जारी होने वाली s.o.p. का इंतजार कर रहे हैं। जब s.o.p. जारी होगी उसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस कदम उठा सकेगा। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि उसके बाद सभी सीएचसी, पीएचसी अस्पतालों को दिशा निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अपने स्तर पर तैयारी की जा रही है, SOP जारी होने के बाद सभी को इस के निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा जाएगा। पिछले साल उत्तराखंड में 1085 बच्चे करोना से प्रभावित हुए थे। जबकि इस वर्ष अभी तक यह आंकड़ा 565 से ज्यादा बच्चे कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं। लेकिन अधिकारी हैं जो SOP के इंतजार में अभी भी ढिलाई बरते हुए हैं।