उत्तराखंड

चायपत्ती बनेगी पहचान

प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में राज्य में चाय उत्पादकता और गुणवत्ता के प्रगति की समीक्षा बैठक की।


उत्तराखण्ड में चाय उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी और मार्केटिंग के प्रसार पर निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए व्यापक योजना बनाकर प्रचार-प्रसार किया जाये। चाय के वैरायटी को बढ़ाने के लिए विभिन्न फ्लेवर चाय उत्पादन और मार्केटिंग की सम्भावनाओं को खोजने को कहा गया।


विगत वर्षों में 1360 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती की गयी है। पिछले वर्ष 120 हेक्टेयर का प्रसार हुआ एवं इस वर्ष 130 हेक्टेयर के प्रसार की योजना है। चम्पावत में चलने वाली फैक्ट्री के सन्दर्भ में टी-बोर्ड की तरफ से वसूली की कार्रवाई की गयी है। टी-बोर्ड विधिक सलाह लेकर इस फैक्ट्री को चलायेगा। चमोली जनपद में भी बन्द फैक्ट्री को चलाया जायेगा।

8 जिलों के 24 ब्लाॅकों के 1000 हेक्टेयर क्षेत्र के प्रसार को 5 वर्षों के अन्तर्गत किया जायेगा। वर्तमान में किसान की भूमि को 30 वर्ष की लीज पर लिया जाता था अब आपसी सहमती के आधार पर इसकी अवधि 20 वर्ष करने का निर्णय लिया गया। टी-बोर्ड को लम्बी अवधि की ऋण उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा जायेगा। बैठक में सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव राम विलास यादव इत्यादि उपस्थित थे।

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