Friday, May 3, 2024
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उत्तराखंड

चारधाम देवस्थानम बोर्ड को मुख्यमंत्री तीरथ की ना, पुरानी परम्परा के अनुसार ही खुलेंगे चारों धाम के कपाट

उत्तराखंड में चार धामों के कपाट पुरानी परंपरा से ही खुलेंगे। इसमें देवस्थानम बोर्ड का दखल नहीं होगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों को यह आश्वासन दिया है। तीर्थ पुरोहित सीएम से मुलाकात करने उनके निवास पहुंचे थे। चारधाम देवस्थानम बोर्ड का उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज पहले ही दिन से विरोध कर रहा है। चारों धामों में इसके खिलाफ आंदोलन भी किया गया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। वहीं, गंगोत्री में देवस्थानम बोर्ड का कार्यालय तक विरोध के चलते नहीं खुल पाया था। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद उत्तरकाशी में तीर्थ पुरोहितों ने आतिशबाजी भी की थी। वहीं, नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का बयान आया था कि इस मुद्दे पर तीर्थ पुरोहितों से बात करेंगे और हल निकालेंगे।आज चारधाम महापंचायत के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी से मुलाकात कर उनके देवस्थानम बोर्ड के संबंध में पुनर्विचा की बात करने पर आभार जताया। साथ ही सीएम से अपेक्षा की कि देवस्थानम बोर्ड के पुनर्विचार के लिए सभी धामों के तीर्थपुरोहितों ,हक हकूकधारियों के साथ बैठकर जन भावनाओं और आस्था के अनुरूप ही आगामी कार्यवाही की जाए। इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि चार धाम मे जो सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था की गई है, उसे पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार और चारधाम के तीर्थ पुरोहित इस मुद्दे पर बैठकर विचार करेंगे। सरकार किसी के हक हकूक पर छेड़खानी नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि चारधाम के कपाट पुरानी परंपरा के अनुरूप ही खोले जाएंगे। इसमें देवस्थानम बोर्ड की कोई दखलअंदाजी नहीं होगी। इस पर तीर्थ पुरोहितों में खुशी का माहौल है। इस मौके पर संजीव सेमवाल, सुरेश सेमवाल, महेश, डॉक्टर बृजेश सती, उमा सती, अमित सेमवाल, प्रवीण ध्यानी, अनिरुद्ध उनियाल आदि उपस्थित थे। उन्होंने प्रसाद के रूप में सीएम को गंगाजल भेंट किया।

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