Monday, April 29, 2024
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उत्तराखंड सरकार सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के उपयोग पर हुई सख्त, जिलाधिकारियों को सख्ती से नियम लागू कराने का आदेश

देहरादून । कोरोना के बढ़ते संक्रमण से चिंतित प्रदेश सरकार ने सामाजिक दूरी, हाथों की स्वच्छता और मास्क के उपयोग के नियमों का सख्ती से पालन कराने का आदेश जारी कर दिया है। तालाबंदी खत्म होने की प्रक्रिया के तहत जारी मानक प्रचालन प्रक्रिया में यू टर्न लेते हुए जिलाधिकारियों को कहा गया है कि वे नियमों को सख्ती से लागू कराएं।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे सामाजिक दूरी, हाथों को बार-बार साबुन से धोना और मास्क के अनिवार्य उपयोग को सख्ती से लागू करें। मुख्य सचिव के मुताबिक तालाबंदी समाप्त होने के क्रम में पांच महीने तक कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई। अब कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।

प्रदेश सरकार की एक चिंता में इजाफे की एक वजह होली का पर्व नजदीक आने और महाकुंभ का आयोजन भी है। महाकुंभ में अप्रैल में शाही स्नान हैं और केंद्र सरकार अपनी चिंता जाहिर कर चुकी है।

एक मार्च को जारी हुई थी अनलॉक-5 की एसओपी
प्रदेश सरकार ने एक मार्च और केंद्र सरकार ने 19 मार्च को अनलॉक-5 की एसओपी जारी की थी। इसमें हाथों को धोने, तीन गज की सामाजिक दूरी और मास्क का उपयोग करने को लेकर लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया था। इसके लिए जिलाधिकारियों, सरकारी एजेंसियों सहित अन्य पक्षों से कहा गया था कि लोगों को अधिक से अधिक जानकारी दी जाए।

सख्ती से नियम लागू कराने का आदेश

22 मार्च को जारी एसओपी और एक मार्च की एसओपी में सबसे बड़ा फर्क ही यह है कि जिलाधिकारियों को सामाजिक दूरी सहित अन्य नियमों का सख्ती से पालन कराने को कहा गया है। इसका मतलब यह भी है कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न लगाने पर सौ रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक जुर्माना अब लोगों को भरना पड़ सकता है। इसी तरह होली समारोह में अधिक लोगों के इकठ्ठा होने पर कार्रवाई हो सकती है। यह बहुत हद तक जिलाधिकारियों के रुख पर निर्भर करेगा। यह एसओपी 31 मार्च तक जारी है और कोरोना संक्रमण बढ़ते हैं तो सरकार अधिक सख्त रुख अपना सकती है।

यह देखने में आया है कि समाजिक दूरी, सार्वजनिक स्थलों पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने और हाथों को बार-बार धोने के नियम के प्रति लोग अब लापरवाही बरत रहे हैं। संक्रमण के बढ़ने के दौर में यह खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए इन नियमों को सख्ती से लागू करने का फैसला किया गया है।
– ओम प्रकश, मुख्य सचिव

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