उत्तराखण्ड परिवहन मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ ने किया कार्य बहिष्कार, सरकार से अपनी त्रुटि सुधार कर राहत देने की मांग
उत्तराखण्ड परिवहन मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ देहरादून के मिनिस्ट्रीयल कमचारियों ने पूर्व से चले आ रहे विरोध आन्दोलन के तहत आज दो घंटे का कार्यबहिस्कार कर कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर शासन की हठधर्मिता का जमकर विरोध किया। धरना कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कुमार मिश्रा ने कहा कि हमारी कोई ऐसी मांग नहीं है कि जो वेतन या अन्य भत्तों से सम्बन्धित हो। कार्मिक केवल शासन द्वारा जारी किये गये शासनादेश में उनके द्वारा जो त्रुटि की गई है एवं जिसके कारण विगत डेढ़ साल से समस्त कार्मिकों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है में सुधार चाहा है।
किन्तु बड़े खेद का विषय है कि शासन जानबूझकर कार्मिकों को धरना प्रदर्शन की ओर ले जा रहा है। संगठन मंत्री (गढ़वाल) विनोद चमोली द्वारा भारी रोष व्यक्त करते हुए कहा कि उक्त प्रकरण में विभागीय अधिकारियों द्वारा ठोस पहल की होती तो इस तरह कार्मिकों को आन्दोलित नहीं होना पड़ता। उन्होंने आगे कहा कि शासन में जिस किसी के द्वारा भी उक्त त्रुटि की गई है उसका भी संज्ञान लेने की मांग की प्रान्तीय कोषाध्यक्ष दौलत पाण्डे ने कहा कि यह बड़े खेद का विषय है कि सम्पूर्ण कोरोना काल में परिवहन विभाग में कार्यरत मिनिस्ट्रियल कार्मिकों द्वारा प्रथम पंक्ति में खड़े होकर कार्य किया किन्तु आज अपने वाजिब हक के लिए आदोलन की राह पर है। उन्होने शासन से शीघ्र उक्त त्रुटि को सुधार करने की माँग की। जनपद देहरादून के जिलाध्यक्ष बृज मोहन सिंह रावत द्वारा समस्त कार्मिकों को केन्द्रीय नेतृत्व पर भरोसा करने, अनुशासित तरीके से निर्धारित कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने व आन्दोलन में पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया। शाखा में कार्यरत अनूप नेगी द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुए अवगत कराया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ही जीओ के प्रथम पृष्ठ का संज्ञान लेते हुए प्रदेश में आर टी ओ एवं प्रवर्तन सिपाहियों को प्रमोशन किया गया किन्तु उसी जीओ के द्वितीय पृष्ठ का संज्ञान बार-बार अनुरोध के बाद भी नहीं लिया जा रहा है। शाखा के वरिष्ठ कार्मिक देवेन्द्र सिंह रावत द्वारा आश्वस्त किया गया कि आप संघर्ष जारी रखें सभी कार्मिक आपका साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग देंगे धरने में मुकुल ममगई, कृष्ण किशोर, चन्द्र मोहन सिंह रावत, के डी जोशी, देवेन्द्र सिंह मनवाल, सरिता बहुगुणा, प्रीति, प्रमोद मिश्रा, सुरेन्द्र दत्त खण्डूरी, प्रदीप सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, राजेन्द्र तिवारी, नरेश पंत, नरेन्द्र नेगी, प्यार दास दर्मा, कपिल रावत, सूरजपाल, मुकुल कन्नौजिया, कृष्ण चन्द्र पनेरू, हीरा बल्लभ जोशी, भुपेन्द्र, प्रदीप मन्द्रवाल, फहीम अहमद एवं विजयपाल आदि उपस्थित रहे।