राज्य आंदोलनकारियो को फिर मांगो को लेकर उतरना पड़ा सड़क पर, मुख्यमंत्री आवास कूच करने वाले आंदोलनकारी हुए गिरफ्तार
पहले अलग राज्य उत्तराखंड के लिए सड़को पर लाठी डंडे खाने वाले राज्य आंदोलनकारी एक बार फिर से सड़क पर उतरने को मजबूर हुए है। लेकिन इस बार लड़ाई अलग राज्य उत्तराखंड की नही है बल्कि साल 2000 में अलग राज्य बने उत्तराखंड में मिलने वाले अधिकारो की है। सैंकड़ों की संख्या में राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड प्रदेश की अस्थाई राजधानी देहरादून में इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिसमें मुख्य मांगे थी_
इन मांगों को लेकर आज राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि हाथीबड़कला पुलिस चौकी के पास बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने इन्हे आगे बढ़ने से रोका। जिससे नाराज आंदोलनकारियों की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। उसके बाद बढ़के आंदोलनकारी सड़क पर ही बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वहीं धरने पर बैठे आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने राज्य आंदोलनकारियों को मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन आंदोलनकारी लिखित आश्वाशन मिलने की मांग के साथ धरने पर डटे रहे। जहां कुछ देर बाद आंदोलनकारियों के बीच कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी पहुंचे और उन्होंने आंदोलनकारियों की मांगों का समर्थन किया।
वहीं सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने वाले राज्य आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद पुलिस लाइन ले जाकर सभी को रिहा किया।