चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बोले- हमने नहीं पकड़ा भारत का एक भी जवान
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बोले- हमने नहीं पकड़ा भारत का एक भी जवान
नई दिल्ली । सोमवार रात भारत-चीन सीमा पर हुए गलवन घाटी हिंसा के दौरान भारतीय जवानों को बंधक बनाए जाने का दावा गलत है। गुरुवार को भारतीय सेना ने इस तरह की खबरों का खंडन किया था। अब शुक्रवार को चीन ने भी अपने सैनिकों द्वारा हिंसा के दौरान भारतीय सैनिकों को बंधक बनाए जाने से इंकार किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में भारतीय जवानों को बंधक बनाए जाने की खबरों का खंडन किया है।
मालूम हो कि गुरुवार देर रात न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपनी एक खबर में चीनी सैनिकों द्वारा बंधक बनाए गए 10 भारतीय सैनिकों को छोड़े जाने का दावा किया था। एजेंसी ने ये स्पष्ट कर दिया था कि उसे ये जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है और इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इसके बाद शुक्रवार को कई मीडिया रिपोर्ट में न्यूज एजेंसी के हवाले से बंधक बनाए गए 10 भारतीय जवानों को छोड़े जाने का दावा किया जाने लगा।
एजेंसी की खबर में भारतीय सेना के दो मेजर सहित 10 जवानों को चीनी सेना द्वारा छोड़े जाने की बात कही गई थी। हालांकि गुरुवार को ही भारतीय सेना ने इस तरह की खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि उनका कोई भी जवान लापता नहीं है। अब शुक्रवार को चीन द्वारा भी आधिकारिक तौर पर स्पष्ट कर दिया गया है कि उसकी सेना ने किसी भारतीय जवान को बंधक नहीं बनाया था।
मालूम हो कि लद्दाख की गलवन घाटी में सोमवार रात भारत-चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए थे। दोनों तरफ के सैनिकों में लाठी-डंडों और पत्थरों से जमकर मारपीट हुई। इस हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। वहीं चीन के भी लगभग 43 जवान इस हिंसा में मारे गए हैं। हालांकि चीन की तरफ से अपने किसी भी जवान के मारे जाने या घायल होने की अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
गलवन घाटी हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए कई दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अब तक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। गलवन घाटी में चीनी सेना द्वारा पिछले करीब डेढ़ महीने से बॉर्डर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है। इसे लेकर सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है। करीब डेढ़ माह से दोनों देश इस विवाद को बातचीत से निपटाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ड्रैगन की पैंतरेबाजी की वजह से ये मामला सुलझ नहीं रहा है।