बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष से देर रात हुई मुख्यमंत्री की मुलाकात, मुलाकात के निकाले जा रहे अलग- अलग मायने
बीजेपी हाई कमान के बुलावे पर कल सुबह दिल्ली पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की आधी रात को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की बात सामने आ रही है। सूत्रों को माने तो देर रात को लगभग एक घंटा दोनों के बीच कई विषयो पर चर्चा हुई है। जिसमें सीएम के उपचुनाव को लेकर आ रही दिक्कतों संबंधी सभी मसलों पर भी बात हुई। साथ ही विकल्पों पर भी हुआ विचार। लेकिन बड़ा सवाल कि अगर मुख्यमंत्री उप चुनाव नहीं लड़ पाते हैं तो फिर पार्टी की अगली क्या रणनीति होगी। क्या प्रदेश में एक और नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला बीजेपी आलाकमान ले सकता है। माना जा रहा है कि दो-तीन दिनों में तमाम चीजें साफ हो जाएंगी कि भाजपा आलाकमान का उत्तराखंड को लेकर कोर्स आफ एक्शन क्या होगा। लेकिन इतना जरूर है कि अगर प्रदेश में फिर से बदलाव होता है तो उससे भाजपा आलाकमान की नेतृत्व क्षमताओं पर भी सवाल खड़े होंगे। पहले अपने कार्यकाल के चार साल पूरे कर चुके एक मुख्यमंत्री को विधानसभा सत्र से जबरदस्ती दिल्ली बुलाया जाता है और पर से हटाया जाता है। वहीं दूसरे मुख्यमंत्री को सल्ट विधानसभा सीट का उप चुनाव ना लड़ाकर संवैधानिक परेशानियों में बीजेपी आलाकमान द्वारा ही डाला गया। साथ ही जब बात बिगड़ने लगी तो रामनगर में आयोजित बीजेपी के चिंतन शिविर से रातों रात बुलावा भिजवाया गया और मुलाकात भी आधी रात के अंधेरे में की गई । क्या पार्टी को नहीं पता है कि अंतिम साल में निर्वाचन आयोग का क्या रुख है कुल मिलाकर तीरथ सिंह रावत जैसे ईमानदार और साफ छवि के व्यक्ति को इस भवर जाल में फसाने का काम बीजेपी नेतृत्व ने ही किया है जिससे वो निकलते है या फिर नही ये एक दो दिनों में साफ हो जाएगा। वही दिल्ली से आने वाली खबरों में अगर जरा भी सच्चाई है तो बीजेपी आलाकमान को अपना निर्णय सोच समझकर लेना होगा, कही चुनाव से ठीक पहले का एक्सपेरिमेंट आने वाले चुनाव में भाजपा पर ही भारी ना पड़ जाए।