कुमाऊँ मंडल में मानसून की दस्तक के साथ ही बढ़ने लगा ख़तरा, मलबे और बोल्डर के बीच फँसे ट्रक ड्राइवर ने भागकर बचाई जान
उत्तराखंड राज्य में मानसून की एंट्री के साथ ही सड़के बंद होने और नुक़सान की ख़बरें भी आने लगी है। प्रदेश के कुमाऊँ मंडल में भारी बारिश के बीच बोल्डर और मलबा आने से बुधवार को टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। भूस्खलन से भारतोली के पास 100 मीटर क्षेत्र में सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया। इससे पूरे दिन आवाजाही बंद रही। मार्ग पर सब्जी, रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल के टैंकर, बसों समेत दर्जनों वाहन फंस गए हैं, जिससे यात्रियों को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रात तक मलबा साफ नहीं हो सका था, हालांकि टनकपुर से बाराकोट तक का हिस्सा सुचारु है। चंपावत के डीएम विनीत तोमर और एसपी लोकेश्वर सिंह ने भारतोली का मौका मुआयना किया। मार्ग पर खतरे के मद्देनजर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार-बुधवार की रात पर्वतीय क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई जिससे टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिल्ली बैंड के पास मलबा आ गया। सुबह दिल्ली बैंड के साथ ही मीना बाजार और चुपकोट बैंड के पास भी पहाड़ियां दरकने से सड़क पर मलबे के ढेर लग गए।एनएच खंड ने जेसीबी और पोकलैंड भेजकर सड़क खोलने का काम शुरू किया। लेकिन विशाल बोल्डर और टनों मलबा हटाने में मशक्कत करनी पड़ी। पहाड़ी से बार-बार पत्थर और मलबा गिरने से सड़क खोलने के काम में बाधा आई। इससे दोनों ओर सैकड़ों की संख्या में वाहनों की कतारें लग गईं। बसों, टैक्सियों और निजी वाहनों से आवागमन कर रहे यात्री भूखे-प्यासे सड़क खुलने की उम्मीद में पूरे दिन इंतजार करते रहे। बच्चों और महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ी। कई वाहन लौट गए, लेकिन बीच में फंसे वाहनों के यात्रियों को कई किमी तक पैदल चलना पड़ा। शव दाह करने जा रहे लोग पैदल ही घाट स्थित रामगंगा नदी तक पहुंचे। देर शाम तक सड़क खोलने का काम जारी था। इधर, बारिश के पिथौरागढ़-थल सड़क पर चोपड़ा के पास भूस्खलन हो गया। सड़क का कुछ हिस्सा नदी में समा जाने से इस रूट पर भी यातायात ठप रहा। इसके चलते पिथौरागढ़ के लोग वाया थल-सेराघाट से भी आवागमन नहीं कर सके। शाम चार बजे पहाड़ी काटकर वाहनों की आवाजाही के लायक बनाया गया। एनएच पर अमरूबैंड, झालाकुड़ी, स्वांला, धौन के पास मलबा आने से मार्ग बंद रहा। सुबह करीब नौ बजे भारतोली को छोड़ शेष चार स्थानों से मलबा हटाकर यातायात सुचारु कर दिया, लेकिन भारतोली में पहाड़ी से लगातार पत्थर लुढ़कते रहे। इससे 100 मीटर सड़क का अधिकांश हिस्सा धंस गया। पिथौरागढ़ जा रहा सब्जी से लदा ट्रक झालाकुड़ी के पास मलबे की चपेट में आ गया। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ भारतोली के पास सड़क धंसने से फंसे यात्रियों को प्रशासन की ओर से राहत सामग्री बांटी गई। अल्मोड़ा में मंगलवार-बुधवार की रात रुक-रुककर बारिश होती रही। हालांकि सुबह धूप निकली लेकिन दिन में भी बूंदाबांदी शुरू हो गई। मलबा आने से पिथौरागढ़-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग भी ढाई घंटे बंद रहा। बागेश्वर में बारिश के कारण सरयू और गोमती का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। कुमाऊं के चारों पर्वतीय जिलों में सैकड़ों ग्रामीण मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे लोगों की आवाजाही बंद हो गई है। इधर, बनबसा में शारदा नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पहुंच गया। अत्यधिक मलबा आने से एनएचपीसी की पावर चैनल की जलापूर्ति बुधवार तड़के तीन बजे बंद कर दी गई। इससे पावर हाउस का उत्पादन शाम पांच बजे तक ठप रहा।