उत्तराखंड

भाजपा के समर्पित नेताओ को मिल सकती है बड़ी ख़ुशख़बरी, सरकार ने विभागों से ख़ाली पड़े दायित्वो का माँगा ब्योरा

उत्तराखंड भाजपा ने बैठक कर अपने आगामी कई कार्यक्रम तय कर दिए है। लेकिन इन सबसे पहले बड़ी ख़ुशख़बरी भाजपा नेताओ को मिल सकती है। अगले साल के शुरू में उत्तराखंड प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में कम बचे समय को देखते हुए  भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संगठन पदाधिकारियों को जल्द सरकार में दायित्वों से नवाजा जा सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर से अप्रैल माह में हटाए गए सभी दायित्वधारियों का ब्यौरा तलब किया गया है। जिससे नए दायित्व बंटने की चर्चा को भी बल मिल गया है। सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने सभी विभागों से उनके अधीन कार्यरत आयोग, निगम, परिषद में दायित्व के पदों की रिपेार्ट मांगी है। अधिकारियों को इसके लिए 15 जून तक ही वक्त दिया गया है। दरअसल, विधानसभा चुनावों को पूर्व भाजपा संगठन वरिष्ठ नेताओं को दायित्व देने के पक्ष में है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस बाबत चर्चा भी कर चुके हैं। वहीं अब सीएम तीरथ दायित्व वितरण का फैसला ले सकते हैं।

उधर, देर शाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में भी दायित्वों के आवंटन पर चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि संगठन की तरफ से जल्द सरकार को नाम सौंपे जाएंगे। मालूम हो कि गत 10 मार्च को प्रदेश की कमान संभालने के बाद सीएम ने कई नए फैसले लिए और कई पुराने फैसलों को पलटा भी है। त्रिवेंद्र सरकार के दायित्वधारों को हटाना भी इसमें शामिल है। दो अप्रैल को सीएम के निर्देश पर सभी आयोग, निगम व परिषदों में तैनात किए गए दायित्वधारियों का हटाने का आदेश किया गया था। इसमें केवल संवैधनिक पदों पर नियुक्त दायित्वधारियों को नहीं छेड़ा गया है। सरकार से हटाए गए दायित्वधारियों की संख्या 120 के करीब थी। बगौली ने सभी अधिकारियों से पूछा है कि दो अप्रैल के आदेश के अनुसार अब तक कितने दायित्व हट चुके हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार आगे निर्णय लेगी। ख़बर यह भी है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत दायित्व वितरण पर अंतिम फैसले से पहले पार्टी हाईकमान से चर्चा करने दोबारा दिल्ली जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री रविवार को दिल्ली जाकर दायित्व आवंटन पर चर्चा कर सकते हैं। हाईकमान की हरी झंडी मिलने के बाद ही दायित्वों का आवंटन किया जाएगा

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