अगर करते हैं आप Online transaction या कोई काम, तो हो जाइए सावधान, उत्तराखंड पुलिस ने किया ठगी का बड़ा खुलासा
साइबर ठगी के मामलो में उत्तराखंड पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है — जिसमे सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का हुआ पर्दाफाश । दरअसल पावर बैंक नाम ऐप से ऑनलाइन ठगी किया करता था उत्तराखंड में यह अब तक का सबसे बड़ा 250 करोड़ की ऑनलाइन ठगी है पवन कुमार पांडे नाम का युवक लोगों को 15 दिनों में पैसा दोगुना करने का का लालच ऑनलाइन के माध्यम से देता था। उत्तराखंड पुलिस के एसटीएफ द्वारा इस गिरोह के एक सदस्य को नोएडा से गिरफ्तारी की गई है । एडीजी अभिनव कुमार ने बताया की पावर बैंक नाम के ऐप से 15 दिनों में इन्वेस्टर का पैसा दोगुना करने का लालच दिया करते थे। एसटीएफ ने जब जाँच शुरू की तो इन्वेस्टर का पैसा कई देशो में भेजा गया है … जिसकी अब बड़े स्तर पर जाँच की जाँच की जा रही है /एसटीएफ डीआईजी नीलेश भरणे ने कहा कि गिरफ्तार किये गए अभियुक्त से 19 लैपटॉप, 592 सिम कार्ड , 5 मोबाइल फ़ोन , 4 एटीएम कार्ड , 1 पासपोर्ट बरामद किया गया है / साथ ही डीआईजी ने कहा की अभी तक इस मामले में जो भी जाँच की गयी है उसमे यही पता चला है की देशभर में 10 हजार से ज्यादा लोगो ने पैसा इन्वेस्ट किया है / एसएसपी एसटीएफ अजय कुमार ने कहा की जिन जिन देशो में इन्वेस्टर का पैसागया है उन सभी देशो से संपर्क किया जा रहा है … एसएसपी अजय कुमार ने कहा की कई देशो में विदशी मुद्राओं में इस पैसे का इस्तेमाल हुआ है .. वहां भी पड़ताल की जा रही है / इसके अतिरिक्त मनी लॉन्ड्रिंग की भी आंशका के तहत भी जाँच की जा रही है। कुछ विदेशी Businessman भारत में कुछ निवेशको से दोस्ती कर उनको भारत में विभिन्न व्यापार के नाम पर अपने साथ कमीशन देने के नाम पर जोड़ते है। इसी क्रम में इस अभियोग में प्रकाश मे आया कि इस प्रकार विभिन्न ऑनलाईन एप पूर्व में लोन प्रदान करती थी। अब अपराध के तरीके मे बदलाव कर ये लोगो का विश्वास जीतकर रिचार्ज एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश करवाते है । भारत के नागरिको के ही बैंक खाते और उनके मोबाईल नम्बर का प्रयोग किया जाता है। प्रारम्भ मे कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किये जाते है जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार से इनका यह अन्तराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश मे पैर पसार सके । प्रतिदिन करोड़ो धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और उसके आगे विभिन्न खातो में स्थानान्तरित कराकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास करते है । अपराध में प्रयोग बैंक खाते विभिन्न फर्जी कम्पनियों के नाम से Registrar of Companies (ROC) में पंजीकृत है। इसी प्रकार 25 एप जो संदिग्ध कार्य मे लगी है उनकी सूची प्राप्त हुयी है। यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टो करेंसी मे बदलकर यह विदेश राष्ट्रो मे भेजी जा रही है, जहा इसको स्थानीय मुद्रा में परिवर्तित कर दिया जाता है । इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा मे परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अन्तराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है, और इस प्रकार इसके अपराध का तरीका प्रकाश मे आ चुका है । इस तरह के प्रकरण में 20 अन्य शिकायते भी प्राप्त हुयी है जिनका परीक्षण किया जा रहा है ।