उत्तराखंड

मई के पहले हफ़्ते में अस्थाई राजधानी देहरादून में बिगड़े हालात, अगर कोरोना पर पाना है क़ाबू, तो सरकार को लेने होंग़े कड़े फ़ैसले

देहरादून– उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून में कोरोना की मार लगातार पड़ती जा रही है। वर्तमान के हालात ऐसे हैं जो कोरोनावायरस संक्रमण की पहली लहर में भी नहीं थे, हालांकि एक फर्क पिछले साल और इस साल की कोरोना लहर में जरूर दिखाई दे रहा है, वह है अधिकारियों के काम करने के जज्बे का। पिछले साल हर कोई कोरोनावायरस संक्रमण को मात देने में जुटा हुआ था। लेकिन इस साल के हालात यह हैं कि अधिकारी अपनी जान बचाने में लगे हैं। सरकार ने अधिकारियों को नोडल अधिकारी तो बनाया है, लेकिन उससे जनता को बहुत ज्यादा फायदा होता नहीं दिखाई दे रहा है। बात राजधानी देहरादून की करें तो कोरोना की मार सबसे अधिक दून में पड़ती दिख रही है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को रात्रि कफ्र्यू से लेकर साप्ताहिक कफ्र्यू, कुछ ढील के साथ पूर्ण कफ्र्यू भी लागू कर दिया गया है। हालांकि इन सबके बाद भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार थम नहीं पा रही है। एक मई के बाद से तो कोरोना बेहद तेजी से बढ़ा है। इन आठ दिनों में कोरोना संक्रमण में 51.36 फीसद का इजाफा हुआ है, जो कि हालात बयां करने के लिए काफी है। एक मई को दून में कोरोना के 2266 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद से कोरोना की रफ्तार बेहद तेजी से बढ़ रही है। सात मई की बात करें तो एक मई के मुकाबले यह बढ़त रिकॉर्ड 75.95 फीसद की रही है। संक्रमण की बढ़ती दर बता रही है कि रोकथाम के मौजूदा प्रयास नाकाफी हैं। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि कोरोना कफ्र्यू लागू तो किया गया है, मगर इसमें दी गई छूट सभी कवायद पर पानी फेर रही है। यदि दून में आने वाले दिनों में हालात नियंत्रण में करने हैं तो कोरोना कफ्र्यू में कड़े प्रविधान करने होंगे और उनका सख्ती से पालन भी कराना होगा।

दून में इस तरह बढ़ा संक्रमण
01 मई—————- 2266
02 मई—————- 2580
03 मई—————- 2080
04 मई—————- 2779
05 मई—————- 2771
06 मई—————- 3132
07 मई—————- 3979
08 मई—————- 3430

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