उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने की सरकार से आदेश बदलने की माँग, सरकारी कार्यालय खुलने से बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण
देहरादून- उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा कार्यालयों को खोलने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पवार प्रदेश महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने एक संयुक्त बयान में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है कि वर्तमान कोविड-19 की महामारी को देखते हुए जिस प्रकार के आंकड़े राज्य के आ रहे हैं वह बहुत ही खतरनाक है। ऐसी स्थिति में राजकीय कार्यालयों को खोलने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए संगठन के प्रदेश महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकारी कार्यालय खुलने के कारण आम आदमी अपने कार्यों के लिए कार्यालय में दौड़ेगा भागेगा और इससे स्थिति और ज्यादा भयानक होने की संभावना है। बिष्ट ने कहा कि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और कम से कम 15 दिन तक सभी राजकीय कार्यालयों को पूर्ण रुप से बंद रखें जो भी कार्य हो वाह घर से ही किए जाए उन्होंने फ्रंट लाइन में कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों एवं अन्य जो लोग जैसे वाहन चालक के साथी एंबुलेंस में कार्य करने वाले साथी ए को विशेष भत्ता देने की भी मांग की गई। बिष्ट ने मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि प्रदेश के लाखों कर्मचारी शिक्षक इस महामारी में सरकार के साथ खड़े हैं। लेकिन सरकार को भी अपने कर्मचारी शिक्षकों के साथ बंधुआ मजदूरों वाला व्यवहार नहीं करना चाहिए। हम चाहते हैं की आवश्यक सेवा में आने वाले कर्मचारियों को पूर्ण सुविधा दी जाए और फ़्रंट लाइन में कार्य करने वाले कर्मचारियों का पूर्व की भांति इंश्योरेंस किया जाए।