उत्तराखंड में कोरोना के चलते बिगड़ने लगे हालात, मुख्यमंत्री को छोड़ शासन के अधिकारी मना रहे corona vacation
देहरादून– प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है इससे प्रदेश में हालात खराब भी होते दिखाई दे रहे हैं लेकिन जिस सरकारी मशीनरी पर इस समय युध्द स्तर पर काम करके लोगो की जान बचाने की जिम्मेदारी है वो भी घर मे ही आराम कर रहा है जी हाँ जिलों की जिम्मेदारी जिलों के अधिकारियों पर छोड़कर हमारे शासन के अधिकारी कोविड छुट्टियों का आनंद ले रहे हैं अरे इस समय ही तो धरातल पर उतरकर ऑक्सीजन , बेड्स का इंतज़ाम करना है प्रवासी आ रहे हैं उनके लिए इंतजाम करने हैं लेकिन हालात यह हैं कि पिछले हफ्ते भर से हमारी सत्ता का केंद्र सचिवालय बंद पड़ा है यहाँ तक कि अब ये 3 मई को भी खुलेगा या नहीं कोई नहीं जानता क्योंकि कोरोना की आड़ में कोई काम करना ही नहीं चाहता , सचिवालय जैसे संस्थान में कोरोना के तमाम मानकों को मानते हुए क्यों अधिकारी कर्मचारी काम नहीं करते , जबकि सचिवालय में ना किसी पत्रकार की एंट्री है और ना किसी बाहरी व्यक्ति की ऐसे में इन्हें कोरोना का डर क्यों क्या कोरोना के इस काल मे शासकीय काम रुके रहेंगे और अगर स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी तो प्रदेश के रुके विकास कार्य कैसे होंगे क्या सबकुछ कोरोना के डर से बंद रहेगा , क्या केवल सीएम तीरथ सिंह मैदान में उतरते रहेंगे और तमाम अधिकारी केवल घरों में बैठे बैठे केवल फोन पर ही उपलब्ध होंगे अरे अधिकारियों घरों से बाहर निकलो जनता की इस बुरे समय मे आपकी सक्रियता की जरूरत है सरकार इन अधिकारियों को नोडल अधिकारी तो बना रही है लेकिन ये अधिकारी अगर ऐसे ही कोरोना के ख़ौफ़ से घर मे ही दुबके रहेंगे तो कैसे चलेगा और अपने साथ साथ पूरे प्रदेश भर में सरकारी छुट्टियों जैसा माहौल बनाया हुआ है ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से आग्रह है कि अधिकारियों की ये कोरोना वेकेशन समाप्त की जाए ताकि आपदा के इस समय पर अधिकारियों की जरूरत उनके घरों को नहीं प्रदेश की जनता को है और जनता को कुछ राहत देने के लिए इन अधिकारियों को फील्ड पर उतारा जाए अगर ऐसा नहीं हुआ तो स्थिति और खराब होगी और उसके जिम्मेदार ये छुट्टियां मानते अधिकारी ही होंगे ।