शिक्षा सेवा अधिकरण बिल के खिलाफ वकील हुए लामबंद, हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं का उमड़ा रोष,किया धरना प्रदर्शन
इलाहाबाद हाईकोर्ट के समस्त अधिवक्ताओं ने शिक्षा सेवा अधिकरण बिल की वापसी हेतु धरना दिया। आज हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में पत्रकारों से वार्ता के दौरान पदाधिकारियों ने घोषणा की कि यह बिल प्रयागराज के अधिवक्ताओं के हितों के खिलाफ है । हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि इस अधिकरण के गठन के पीछे सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की मंशा साफ नहीं है। अतीत मे भी अधिकरणो का गठन उनके उद्देश्यों की पूर्ति में असफल रहा है और माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा भी ऐसे अधिकरणों की कार्यप्रणाली और प्रासंगिकता पर टिप्पणियाँ की जाती रही हैं। अमरेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि मौजूदा समय में हाईकोर्ट के कुल मुकदमों का लगभग पच्चीस फीसदी काम शिक्षा और इससे जुड़े मामलों का है। लगभग दो लाख मुकदमे इलाहाबाद हाईकोर्ट में और 75 हजार मुकदमे लखनऊ पीठ में हैं। यह सभी मुकदमे अब अधिकरण में स्थानांतरित होंगे और उनकी सुनवाई के लिए नौ रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट होंगे, जिनको न तो न्यायिक कार्य का अनुुुभव होगा और न ही जानकारी। स्पष्ट है कि सरकार शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के लिए सर्व सुलभ न्याय के दरवाजे बंद करना चाहती है।
अध्यक्ष का यह भी कहना है कि मौजूदा बिल में अधिकरण का प्रारूप स्पष्ट नहीं है। इसके निर्णयों के खिलाफ अपील कहां होगी, इसका जिक्र नहीं है। वादकारी को अपना पक्ष रखने के लिए वकीलों के अलावा भी अन्य लोगों की मदद लेने की भी छूट दी गई है, जो उचित नहीं है।
महासचिव प्रभाशंकर मिश्र का कहना है कि नौ मार्च को प्रयागराज बंद करने का आह्वान किया गया है। इसे शिक्षक संघों, छात्र संगठनों और व्यापारी संघों का भी समर्थन प्राप्त है।
इन मांगों पर है जोर
1- शिक्षा अधिकरण बिल वापस हो
2- सुप्रीमकोर्ट के टीएम पाई केस के निर्णय के अनुसार अधीनस्थ न्यायालयों की शक्ति बढ़ाई जाए
3- यदि बिल वापस नहीं होता है तो अधिकरण का गठन सुप्रीमकोर्ट के मद्रास बार एसोसिएशन केस में दिए फैसले के अनुरूप किया जाए।
4- अधिकरण बनने की स्थिति में हाईकोर्ट की प्रधानपीठ और लखनऊ खंडपीठ के क्षेत्राधिकार के अनुसार ही अधिकरण के क्षेत्राधिकार का भी बंटवारा हो।
*दो दिनों से हो रहे इस धरना कार्यक्रम में पुरूष अधिवक्ताओं संग महिला अधिवक्ताओं की भी बढचढकर भागीदारी है । आज के इस धरना में प्रदर्शन मे समस्त नारीशक्ति अधिवक्ताओं के साथ एडवोकेट प्रिया दीक्षित , एडवोकेट शबाना आदि भी उपस्थित रहे।*