मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दायित्वधारियों से सीधी बात, सरकार ने सौंपी है जो ज़िम्मेदारी, उसका अक्षर अक्षर हो पालन- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में दायित्व धारियों से भेंट की। मुख्यमंत्री ने सभी दायित्व धारियों का आह्वान किया कि वे जन समस्याओं के समाधान तथा जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि आगामी 18 मार्च को प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सभी विधान सभा क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस आयोजन की सफलता में भी सभी को सहयोगी बनना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन दायित्व धारियों को जो भी दायित्व मिला है वे उसका पूरे मनोयोग से निर्वहन करें। पिछले चार साल में राज्य के सन्तुलित एवं समग्र विकास के लिये जो प्रभावी प्रयास किये गये हैं, उन्हें जनता तक पहुंचाने का भी कार्य किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक एतिहासिक निर्णय लिये हैं चाहे वह सडकों, पुलों का निर्माण हो अथवा अन्य अवस्थापना सुविधाओं का विकास या सीधे आम जनता के हित से जुड़ी योजनायें, सभी के हित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना किसी भेद भाव के हर क्षेत्र का विकास हमारा ध्येय रहा है। सभी विधान सभा क्षेत्रों के लिये क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप करोड़ों की योजनायें स्वीकृत कर उनपर कार्य किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जनता से भ्रष्टचार मुक्त प्रशासन का वादा किया था जिस पर हम खरे उतरे हैं। पिछले पिछले चार साल में संस्थागत भ्रष्टाचार को रोकने में हम सफल हुए हैं। नारसन से लेकर नाभिढांग तक पहले समस्या भ्रष्टाचार को लेकर रहती थी, जिसे रोकने में हम कामयाब हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति हम संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहे हैं। सी.एम. क्यू आर टी के माध्यम से जनता के मध्य जाकर जन समस्याओं एवं जन भावनाओं की जानकारी प्राप्त कर उनके त्वरित समाधान का प्रयास किया जा रहा है। किसानों के हित में उन्हें 3 लाख तक तथा कृषक समूहों को 5 लाख तक का बिना ब्याज का ऋण दिये जाने के साथ ही पति की पैतृक सम्पत्ति में पत्नी को भागीदार बनाने का निर्णय लेकर हमने किसानों एवं महिलाओं को सम्मान देने का कार्य किया है।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्रीदा मदन कौशिक तथा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के साथ ही सभी दायित्वधारी गण उपस्थित थे।