शासन में अधिकारियों से उत्पीड़न मामले में जवाब तलब, महिला निदेशक ने सचिव पर लगाया है उत्पीड़न का आरोप
शासन ने सचिव संस्कृति दिलीप जावलकर और महानिदेशक संस्कृति आनंद स्वरूप से निदेशक संस्कृति बीना भट्ट द्वारा उत्पीड़न किए जाने के आरोपों पर जवाब मांगा है। निदेशक संस्कृति का आरोप है कि सचिव और महानिदेशक कार्यस्थल पर उनका उत्पीडऩ करते हैं। इतना ही नहीं उनके खिलाफ की गई एक शिकायत पर नियमविरुद्ध जांच बिठाई गई और अब उस पर जांच एक समिति को सौंपने की भी तैयारी की जा रही है। निदेशक संस्कृति ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी को लिखे पत्र में सचिव पर यह आरोप लगाए हैं कि अपने निकटवर्ती लोगों को टेंडर दिलाने के लिए भी उनका उत्पीड़न किया। वहीं, जब एक मामले में टेंडर उनके निकटवर्ती का नहीं खुला तब भी उन्हीं से जवाब तलब किया गया। यहां तक कि सचिव ने उनकी पदोन्नति का मामला भी तकरीबन ढाई साल तक दबा कर रखा। जब उनकी पदोन्नति हुई तो अपर सचिव स्तर के अधिकारी को महानिदेशक के रूप में विभाग में तैनात कर दिया गया है। महानिदेशक का ग्रेड वेतन भी उनसे कम है। अब दोनों ही उनका उत्पीड़न उन्हें अपमानित करने के लिए कर रहे हैं। उनके खिलाफ लगे आरोपों पर स्प्ष्टीकरण मांगने की कार्यवाही भी न्यायालय में लंबित है। उन्होंने मुख्य सचिव ओमप्रकाश और महिला आयोग में भी इस पत्र की प्रति भेजी है। इस पत्र के मिलने के बाद अपन मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसकी जांच शुरू करा दी है।इस संबंध में सचिव संस्कृति दिलीप जावलकर का कहना है कि यह सरकार का निर्णय है कि किसको महानिदेशक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अपना जवाब शासन को उपलब्ध करा देंगे। वहीं, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट ने उन्हें परेशानी हो रही थी इसलिए उन्होंने प्रक्रिया के तहत यह पत्र शासन को दिया है