Big News: हरिद्वार महाकुम्भ में शाही स्नान का क्रम तय, मेला प्रशासन ने सभी अखाड़ों को किया सूचित, ब्रह्मकुंड हरकीपेड़ी में आधा घंटे का मिलेगा स्नान का समय
हरिद्वार महाकुंभ में होने वाले पहले शाही स्नान के लिए मेला प्रशासन ने अखाड़ों के स्नान का क्रम और समय तय कर दिया है। इस बार हरिद्वार में आयोजित हो रहे महाकुम्भ में सबसे पहले जूना अखाड़ा शाही स्नान करेगा। मेला प्रशासन की समय सारिणी के अनुसार सुबह 11 बजे से लेकर 11:30 बजे तक स्नान करने का समय जूना अखाड़ा और उनके सहयोगी अखाड़े को दिया गया है। अखाड़ों को स्नान के लिए 30 मिनट का समय ब्रह्कुंड हरकी पैड़ी में दिया जा रहा है। 1 बजे से 1:30 के बीच पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के संत स्नान करेंगे। जबकि श्री महानिर्वाणी अखाड़ा 4 बजे से 4:30 बजे के बीच स्नान करेगा।
11 मार्च को होने वाले पहले शाही स्नान के लिए हालाँकि अभी तक जूना अखाड़े का रूट फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस ने स्नान और छावनी से निकलने से लेकर वापसी तक का समय तय कर दिया है। यह समय इसीलिए तय किया जाता है कि अखाड़ों के बीच स्नान को लेकर किसी भी तरह का विवाद उत्पन्न न हो। अभी तक तय किये गए समयानुसार सबसे पहले जूना अखाड़े के संत शाही स्नान के दिन सुबह 10 बजे अपनी छावनी से ब्रह्मकुंड के लिए प्रस्थान करेंगे। शाही स्नान के लिए जूना अखाड़े के साथ उनके सहयोगी अखाड़े अग्नी और आह्वान भी साथ होंगे। 11 बजे यह तीनों अखाड़े हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर पहुंचेंगे। 11:30 बजे स्नान कर तीनों अखाड़े छावनी के लिए वापसी प्रस्थान करेंगे। जबकि 11 बजते ही श्री निरंजनी अखाड़ा अपने सहयोगी अखाड़े आनंद अखाड़े के संतों के साथ अपनी छावनी से प्रस्थान करेंगे।
तुलसी चौक, वाल्मीकि चौक होते हुए 1 बजे दोनों अखाड़े के संत ब्रह्मकुंड में पहुंचेंगे। 1:30 बजे स्नान के बाद दोनों अखाड़े वाल्मीकि चौक, तुलसी चौक होते हुए अपनी छावनी में 2:30 बजेपहुंच जाएंगे। 1:30 बजे महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा अपनी छावनी से निकलेंगे। 4 बजे दोनों अखाड़े हरकी पैड़ी पर पहुंचकर 4:30 बजे वापसी के लिए रवाना होंगे। शाम 6:30 बजे दोनों अखाड़े अपनी छावनी में प्रवेश करेंगे। पुलिस की ओर से अभी तक यह स्नान क्रम कई बार की वार्ता के बाद तय किया गया है।