उत्तराखंड

घृत कमल पूजा अनुष्ठान की तैयारी पूरी, श्रीनगर गढ़वाल के प्रसिद्ध कमलेश्वर मंदिर में शाम आठ बजे से होगी पूजा

श्रीनगर गढ़वाल के प्रसिद्ध कमलेश्वर मंदिर में शाम को आठ बजे से घृत कमल पूजा का अनुष्ठान किया जाएगा। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस अनुष्ठान में मंदिर के महंत आशुतोष पुरी दिगंबर भेष धारण कर मंदिर की लोट परिक्रमा करेंगे। इस पूजा के दौरान मंदिर में विराजमान शिवलिंग को घी से ढककर भगवान शिव को 52 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती की मृत्यु के बाद विरक्त हो गए थे तो धरती पर ताड़कासुर नामक राक्षस का आतंक बढ़ने लगा। तब भगवान विष्णु ने देवताओं को बताया कि इस असुर का वध भगवान शिव के पुत्र द्वारा किया जाएगा। जिसके बाद मां पार्वती को शिव विवाह के लिए मनाया गया। जिसके बाद भगवान शिव ने माँ पार्वती से विवाह किया। विवाह पश्चात कार्तिकेय का जन्म हुआ और ताड़कासुर नामक असुर का वध कार्तिकेय द्वारा किया गया। देवताओं द्वारा की गई इस पूजा को घृत कमल पूजा कहा गया। यह पूजा देवताओं द्वारा भगवान की कामशक्त भावना जागृत करने के लिए की गई थी।

मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि ये पूजा अचला सप्तमी को की जाती है, जो आज है। ये पूजा मंदिर परिसर में कई जाएगी। इस पूजा के लिये मंदिर को सजाया गया है।

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