दवा ख़रीद, गुल निर्माण के बाद भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अधिकारी के ख़िलाफ़ विजिलेंस जाँच के आदेश, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ताबड़तोड़ आदेश बने चर्चा का विषय, भ्रष्टाचार के शिकायतों की दबी फ़ाइलो से हटने लगी धूल
राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत राजधानी देहरादून के अपर जिलाधिकारी अरविंद पांडे के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किए है। जिसके बाद ADM पांडे को वर्तमान पद से हटा दिया गया है। शासन की तरफ़ से अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जांच के आदेश जारी किए हैं। बीते रोज़ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार के तीन मामलों में एक्शन लिया है। दवा घोटाले, गूल निर्माण घोटाले के साथ अपर जिलाधिकारी अरविंद पांडे के खिलाफ भी जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
अपर जिलाधिकारी अरविंद पांडे के खिलाफ सरकार को निरंतर शिकायतें मिल रही थी। मामला संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने पांडे को पद से हटाने और विजिलेंस जांच के आदेश दिए। पांडे पूर्व में विकासनगर के एसडीएम रहे हैं। उनके कार्यकाल में जमीनों को लेकर उनकी कार्य प्रणाली पर सवाल उठे थे। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पांडेय के खिलाफ अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को विजिलेंस की कार्रवाई करने के निर्देश भी दे दिए हैं।अभी तक पांडेय को काफी रसूखदार नौकरशाहों में माना जा रहा था। उनका एक बार देहरादून से तबादला हुआ था, लेकिन अपने प्रभाव से उन्होंने इसे रुकवा लिया था। लेकिन पिछले काफी समय से उनकी कार्यप्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय और शासन को शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। लगातार शिकायतें मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय इन्हें अनदेखा नहीं कर सका। मुख्यमंत्री तक भी पांडेय के बारे में शिकायतें पहुंचीं।सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सोमवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पांडेय को अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए। पांडेय को बाध्य प्रतीक्षा में रखा गया है और उन्हें तत्काल अपने पद से कार्यमुक्त होने के निर्देश दिए गए हैं। जब तक उन्हें नई तैनाती नहीं मिल जाती है तब तक उनका वेतन सचिवालय स्थित वेतन लेखा अनुभाग-5 (इरला चैक अनुभाग) से जारी होगा।