हरदा की माँग को नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रिदेश की ना, कांग्रेस संगठन की परंपराओं का दिया हवाला
देहरादून— प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत के अगले चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करने के सुझाव ने पार्टी के भीतर खींचतान बढ़ा दी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत के इस सुझाव को खारिज कर उन्हें पार्टी की परंपरा याद दिला दी। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आगामी चुनाव को लेकर पार्टी का रुख स्पष्ट कर चुके हैं। इस पर देर शाम हरीश रावत ने भी प्रतिक्रिया दी कि पार्टी में चुनाव से पहले नेता तय करने की परंपरा बदली गई है। उसके अधिकतर अच्छे नतीजे भी रहे। उत्तराखंड में इस समय भाजपा के विरोध में हमें अपना चेहरा घोषित करना चाहिए।
प्रदेश में कांग्रेस के भीतर चुनाव से पहले चेहरा घोषित करने के मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राज्य में पार्टी विधानमंडल दल की नेता इंदिरा हृदयेश ने रावत के बयान पर पलटवार में देर नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव में बहुमत आने के बाद ही चेहरा तय करती रही है। मुख्यमंत्री का नाम पहले तय नहीं किया जाता। पार्टी ने दूसरे राज्यों में बहुमत आने के बाद चेहरा तय किया है। हरीश रावत पार्टी की इस परंपरा को खुद अच्छी तरह जानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस वक्त पार्टी के कप्तान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव चुनाव में सामूहिक नेतृत्व की नीति जाहिर कर चुके हैं। वर्ष 2002 से 2012 तक हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी इसी नीति पर आगे बढ़ी है। 2022 में यही परंपरा रहेगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकता हुई तो प्रदेश संगठन भी हाईकमान तक अपना संदेश पहुंचा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हरीश रावत पार्टी के राष्ट्रीय नेता हैं, उन्हें अपनी राय रखने का हक है।